ओ घाटे वाले….……
बुलाते हैं मेरे अंसुवन, कि सिसके सांसों की सरगम,
कि निशिदिन तुम्हें पुकारे मन….ओ…..हो….
ओ घाटे वाले।
कष्ट पड़ा था श्री राम पे, तुमने ही कष्ट मिटाया,
लाकर के संजीवन बूटी, लखन का जीवन बचाया,
आयी जब बूटी की बात, फिर दौड़े तुम रातो रात,
और लेकर आये संजीवन…..हो….
ओ घाटे वाले….……
मेघनाथ ने ब्रह्म फ़ांस में, तुमको है आन फँसाया,
शांत रहे तुम हे बजरंगी, ब्रह्मा का मान बढ़ाया,
जय जय बाल ब्रहमचारी, कहती है दुनिया सारी,
ब्रह्मा का निभाया वचन….हो…..
ओ घाटे वाले….……
भक्तो ने आकर दर पे तेरे, तुमसे ही प्रीत लगायी,
दुश्मन हुआ है सारा ज़माना, बन जाओ मेरे सहायी,
मैं चाहूँ इतनी सौगात, रहे सर पर तेरा हाथ,
चरणों में करूँ मैं नमन……हो…..
ओ घाटे वाले….……
बुलाते हैं मेरे अंसुवन, कि सिसके सांसों की सरगम,
कि निशिदिन तुम्हें पुकारे मन….ओ…..हो….
ओ घाटे वाले।
Oh the losers……….
I call my Ansuvan, that the gamut of his breath,
That Nishidin calls you mind…..o…..ho….
Oh the losers
There was trouble on Shri Ram, you only removed the trouble,
By bringing Sanjeevan Booti, Lakhan’s life was saved,
When the talk of the booty came, then you ran overnight,
And bring Sanjeevani…..ho….
Oh the losers……….
Meghnath trapped you in the trap of Brahma,
You remain calm, O Bajrangi, you have increased the honor of Brahma,
Jai Jai Bal Brahmachari, says the whole world,
The promise of Brahma is fulfilled…..
Oh the losers……….
Bhagto came and fell in love with you, you only,
Enemy has become the whole world, become my helper,
I want so much gift, keep your hand on your head,
I bow at the feet……ho…..
Oh the losers……….
I call my Ansuvan, that the gamut of his breath,
That Nishidin calls you mind…..o…..ho….
Oh the losers