पतली सी पीताम्बरी

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श्याम महारे घरा ले चालू रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया मरेलो रे.
श्याम महारे घरा ……

ठंडी ठंडी बाल चालसी,थर थर कांपे काया,
खाटू वाले खारडे में सिया मरेलो भाया,
थारा दांत कडाकड बोले रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया…..

महारे घरा छ गुदरा भाया जाके सो सो कारी,
एक ओढ़ सया एक बिच्छासाया,रात काटस्यां सारी,
कया नाके नाके डोले रे
पतली सी पीताम्बरी में सिया…..

माखन मिश्री तन्ने चाये,बाण पड़ी हे खोटी,
म्हारे घरा हे बाजरा की रूखी सुखी रोटी,
गुड़ को दलियो सागे ले ले रे
पतली सी पीताम्बरी में सिया…..

आव आव तू बेगो आज्या, पकड़ आंगली महारी,
सर्दी मरता थर थर कापा,बाट जोहता थारी,
बाबा महारे सागे होले रे,
पतली सी पीताम्बरी में सिया…..

हरदम थारी सेवा करसु,नित उठ भोग लगासु,
धुप दिप नैवेध सजाकर रोज आरती गासु,
सेवक चरना चित डोले रे
पतली सी पीताम्बरी में सिया…..

Shyam Mahare ghara le chalu re,
Sia Marello Ray in Thin Little Pitambari.
Shyam Mahare Ghara……
cold cold hair, trembling physique,
Siya Marello in Khatu Wale Kharde Bhaya,
Thara tooth kadakad said re,
Siya in a thin Pitambari…..
Mahare ghara ch gudra bhaya jake so so kari,
One veiled one bedecked, Night Katsyans whole,
Kya Nake Nake Dole Re
Siya in a thin Pitambari…..
Makhan Mishri Tanne Chaye, the arrow is lying wrong,
O my house, dry dry bread of millet,
Take jaggery with porridge
Siya in a thin Pitambari…..
Aaav aav tu bego aajya, catch Angli Mahari,
Winter is dying,
Baba Mahare Sage Hole Re,
Siya in thin Pitambari…..
Always do Thari service, always get up and enjoy,
Everyday aarti gasu by decorating Dhoop Deep Naivedh,
sevak charna chit dole re
Siya in thin Pitambari…..

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