राधा को रंगने को कान्हा आये गा,
मीरा को रंगने भी कान्हा जायेगा,
सखियों के संग खेलेगे कान्हा जी,
प्रेम की होली खेलेंगे प्रेम की होली,
प्रभु मैं खेलु गी होली तेरे संग फूलो की होली,
राधा को रंगने को कान्हा खड़े है,
जोरा जोरी कर के पिशे पड़े है,
जाये न भाग राधा पकड़े पड़े है,
नैनो की भाषा से नैना लड़े है,
कान्हा ने रंग दी है चोली,
ब्रिज में फूलो की होली खिले गे प्रेम की होली……
मीरा के मन में तो कान्हा लगन है,
कान्हा के रंग में तो मीरा मगन है,
ऐसी चली प्रीत की जो पवन है,
कान्हा के रंगो में झूमा गगन है मीरा तो कान्हा को बोली,
प्रभु मैं खेलु गी होली तेरे संग फूलो की होली,
Kanha came to paint Radha.
Kanha will also go to paint Meera,
Kanha ji will play with friends
Prem ki Holi will play Prem ki Holi,
Lord, I will play Holi with you with flowers,
Kanha is standing to paint Radha.
He is lying down loudly,
Don’t go away Radha is caught,
Naina has fought with the language of Nano.
Kanha has given color to the choli,
The Holi of flowers will bloom in the bridge, the Holi of love will bloom……
In Meera’s mind, there is a passion for Kanha,
Meera is happy in the color of Kanha,
Such is the love that the wind is blowing,
There is a sky in Kanha’s colors, Meera said to Kanha,
Lord, I will play Holi with you with flowers,