प्रेमी हु मैं सांवरिया का श्याम नाम ही गाता हु ,
हर ग्यारस पर खाटू आकर दर्शन तेरा पाता है.
दुनिया मुझको पगल समजे सुन कर मैं इतराता हु,
सांवरिया की शरण में आ के फुला नहीं समाता हु,
तेरी किरपा से ही बाबा घर परिवार चलाता हु,
प्रेमी हु मैं सांवरिया का श्याम नाम ही गाता हु ,
नरसी भी पागल था तेरा जिसने तेर लगाई थी,
हाथ भरा नानी का तूने पल न देर लगाई थी,
मीरा भी थी तेरी दीवानी सबको ये बतलाता हु,
प्रेमी हु मैं सांवरिया का श्याम नाम ही गाता हु ,
हार गया था शरण जो तेरी उसको तू अपनाता है,
मेट के दुखड़े प्रेमी के तू उसको गले लगता है,
मैं भी हु चरणों का सेवक हज़ारी रोज भजाता हु,
प्रेमी हु मैं सांवरिया का श्याम नाम ही गाता हु ,
प्रेमी तेरा मुझको बाबा कही नजर आ जाता है,
उस से मिल कर लगता मुझको जन्मो का ये नाता है,
रहे मेहर गोपाल में तेरी सचिन की अर्जी लगता हु,
प्रेमी हु मैं सांवरिया का श्याम नाम ही गाता हु ,
I am a lover, I sing only the name of Shyam of Saawariya,
Every year you come to Khatu and find your darshan.
I get tired of hearing the world think of me as crazy.
I can’t swell by coming under the shelter of Saawariya.
It is because of your Kirpa that Baba runs the family.
I am a lover, I sing only the name of Shyam of Saawariya,
Narsi was also mad of you who had hit you,
You didn’t take a moment for a granny full of hands,
Meera was also your addict, I tell everyone this,
I am a lover, I sing only the name of Shyam of Saawariya,
You have lost the refuge that you adopt,
You hug the sad lover of the mate,
I am also the servant of the feet, I send Hazari every day,
I am a lover, I sing only the name of Shyam of Saawariya,
My lover is seen somewhere in me Baba,
By meeting him, I feel that I have this relation of births,
Rahe Meher Gopal, I feel the application of your Sachin,
I am a lover, I sing only the name of Shyam of Saawariya,