मैया की कसम रे उम्र बढ़ जाये
राधा तेरे हाथ की रसोई ले जो खाये
तेरे लिए जान भी दू क्या है पकवान
तुम ही मेरे प्राणधन तो पे कुर्बान
राधा तोरे माखन की अलग ही बात है
दही मटकिया भी दिल की चाहत है
प्रेम भरी चाशनी को मन ललचाये
प्रेम से जिमाउंगी मैं जीमो भरपूर तुम
वादा करो कभी मो से जाओगे ना दूर तुम
तेरे बिना श्याम मोरी निकले जान
सारे बब्रजमंडल में बाकी तू किशोरी
तेरे बिन आधा मैं सुन राधा गोरी
मेरी ये मुरलिया भी तुम्ही को बुलाये
बात कछु और है रसोई का बहाना है
बांके की बांकी को आज ये बताना है
मन के कमल खिले खास बागवान
Maya ki kasam re your age
Radha takes the kitchen of your hands and eats
What is the dish to give life to you?
You are the one who sacrificed my life
Radha Tore Makhan is a different matter
Dahi Matkiya is also the desire of the heart
be tempted to love syrup
I will gym with love I am full of you
Promise you will never go away from you
Shyam Mori came out without you
You are a teenager in all the brajamandal
tere bin adha main sun radha gori
my murliya also call you
The thing is something else is the excuse of the kitchen
Banke’s Banki has to tell this today
Special gardeners blooming lotus in the mind