राधा मीरा दीवानी है घनश्याम की,
जप्ती दोनों की माला श्याम नाम की,
मीरा ढूंढे मोहन को हर च्वारे गली,
खिले मन में राधा के प्रेम की इक कली,
दोनों ने ज़िंदगानी तेरे नाम की,
जप्ती दोनों की माला श्याम नाम की,
मीरा गिरधर दर्शन को अर्पण हुई,
राधा रानी कान्हा के खवाबो में खोई,
रह सुध नाही चैन और आराम की,
जप्ती दोनों की माला श्याम नाम की,
मीरा जैसी भक्ति न मैंने देखि कही,
राधा जैसा भी प्यार न जग में होगा कही,
कीर्ति महिमा गाये कृष्ण धाम की,
जप्ती दोनों की माला श्याम नाम की,
Radha Meera is crazy about Ghanshyam,
The rosary of both Japti is named Shyam,
Meera seeks Mohan ko har chaware gali,
One bud of Radha’s love blossomed in my heart,
Both did Zindagani Tere Naam Ki,
The rosary of both Japti is named Shyam,
Meera was offered to Girdhar Darshan,
Radha Rani lost in Kanha’s dreams,
Don’t care for peace and rest,
The rosary of both Japti is named Shyam,
I have never seen devotion like Meera,
No love like Radha will be there in the world,
Sing the glory of Krishna Dham,
The rosary of both Japti is named Shyam,