राधे राधे रटुगा आठो याम ब्रिज की गलियों में,
चाहे ढल जाए जीवन की शाम ब्रिज की गलियों में,
वृन्दावन को छोड़ कन्हियान दूर कभी न जावे,
जो गावे राधे राधे व के संग हो जावे,
मुरली कान्हा की बाजे आठो याम,
ब्रिज की गलियों में,
जिस की मर्जी के बिन जग में पता न हिल पावे,
धरती का चपा चपा जिस की रचना कहलावे,
उसे कहते है राधे को गुलाम,
ब्रिज की गलियों में,
जिस ने ब्रिज को देखा उसने बाते है ये मानी,
यमुना यम को दूर करे भव तारे राधे रानी,
कण कण में है चारो धाम,
ब्रिज की गलियों में,
सूरज ब्रिज के कण कण में बस राधे राधे गूंजे,
भूल के सारी दुनिया जो राधे चरणों को पूजे,
उन्हें मिल जाता है घनश्याम ब्रिज की गलियों में ,
In the streets of Radhe Radhe Ratuga Atho Yam Bridge,
Even if the evening of life falls in the streets of the bridge,
Kanhiyan should never go far except Vrindavan.
The villages that get along with Radhe and Radhe,
Murli Kanha’s Baaje Aatho Yaam,
in the streets of the bridge,
Without whose will the address in the world cannot move,
The shape of the earth, whose creation should be called,
He is called a slave to Radhe,
in the streets of the bridge,
The one who saw the bridge said it, believed it.
May Yamuna remove Yama, may the stars Radhe Rani,
Every particle is in the four dhams,
in the streets of the bridge,
Radhe Radhe just resonated in every particle of Suraj Bridge.
Forget the whole world who worships Radhe’s feet,
They are found in the streets of Ghanshyam Bridge,