राम बिराजो हृदय भवन में
तुम बिन और न हो कुछ मन में
अपना जान मुझे स्वीकारो ।
भ्रम भूलों से बेगि उबारो ।
मोह जनित संकट सब टारो ।
उलझा हूँ मैं भव बंधन में।
राम बिराजो हृदय भवन में …
तुम जानो सब अंतरयामी ।
तुम बिन कुछ भाये ना स्वामी ।
प्रेम बेल उर अंतर जामी ।
तुम ही सार वस्तु जीवन में।
राम बिराजो हृदय भवन में …
निज चरणों में तनिक ठौर दो ।
चाहे स्वामी कुछ न और दो ।
केवल अपनी कृपा कोर दो ।
रामामृत भर दो जीवन में।
राम बिराजो हृदय भवन में .
Ram Birajo in Hriday Bhavan without you there is nothing in my mind
Accept me your life Get rid of illusions and mistakes. Avoid all the troubles caused by attachment. I am entangled in the bondage of existence. Ram Birajo in Hriday Bhawan…
You know everything is intermediate. I don’t like anything without you, Lord. Prem bel ur antar jami. You are the essence in life. Ram Birajo in Hriday Bhawan…
Stay at your feet for a while. Even if the Lord does not give anything else. Just give your grace core. Fill your life with Ramamrit. Ram Birajo in Hriday Bhavan.