काली अंधियारी रात बीत चुकी अब सुर्य वंशी राम का तेज पृथ्वी पर उदय हुआ है
राम राज्य कहीं बाहर नहीं है राम राज्य आपके अन्तर्मन में है हर युग में राम राज्य रहा है। राम के आप बन जाओ राम प्रेम आप के जीवन का आधार स्तंभ हो। राम राज्य राम के विचार राम की मर्यादा को समझना है
हमारे मन में पवित्रता हो, हमरे तन
मन धन परमात्मा के चरणों में समर्पित
हो लोभ और मोह से हम ऊपर उठेंगे तभी
जन जन का कल्याण सम्भव है।
हमारे भीतर सत्यता और त्याग की
भावना हो। हम सबको समान दृष्टि से
देखें हमारे अन्दर राष्ट्र प्रेम की भावना
कुट कुट कर भरी हो। हम कर्तव्य को
हमारा धर्म माने। हम जीवन में बैठे
नहीं कठोर परिश्रम करते हुए
हम जीवन यापन करे। हम सब एकता
के सूत्र में बंध जाये। हमारे भाव और
भावना में पवित्रता हो। हममें देश प्रेम की भावना हो हमारे जीवन लक्ष्य पर आधारित
हो। हमे ज्ञान रहे हम आये हैं हमे जाना
भी है। कर्तव्य और कर्म को शुद्धता
के साथ करे। यह मनुष्य जीवन एक
अमुल्य धरोहर है इस जीवन में हम
लोभ मोह से किनारा कर के चले
राम राज्य तभी सम्भव है। जब राम हमारे चिन्तन मनन मे हो ।राम भाव हमारे अन्दर कुट कुट कर भरे हुए हो
राम मन में हो राम हदय में हो राम राम
जप करते हुए हमारे जीवन में उच्च
विचार धारा हो। हमारे अन्तर्मन का आत्मविश्वास हमारे मस्तक पर झलकता हो।
राम राज्य तभी सम्भव है जब हम मे
अपने हित के साथ अन्य के हित की
भावना हो । भारत की भूमि सन्तों की
भूमि है।हम परमात्मा राम कृष्ण का
चिन्तन मनन नाम जप करते रहे।
राम राज्य का अर्थ है। हमारा जीवन भौतिक
सुख पर आधारित न हो। सुख की कोई
परिभाषा नहीं एक व्यक्ति का मन शान्त है
वह हर परिस्थिति में शान्त भाव में रहता है
भगवान राम को वनवास मिलने पर भी
शान्त है मौन माता पिता की आज्ञा को
सिरोधारय कर बलकल वस्त्र धारण कर
वन को चले जाते हैं वह राज्य को तिनके
की भांति त्याग देते हैं। शान्त चित और
सन्तोषी बने हमारे अन्दर प्रेम हो हम
राजनीति न करे हमारे घर
शांति के भूषण से सजे हुए हो
जय श्री राम अनीता गर्ग