राजा श्री राम खजाने बेठे खोल के

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राजा श्री राम खजाने बेठे खोल के,
सीता जी के राम खजाने बैठे खोल के,
राजा श्री राम खजाने बेठे खोल के,

सब से प्यारे राजा का दरबार याहा सजा है ,
आने वाले आजा रे तेरा भाग्ये जगा है,
सोये हुए भाग जगाते है बेमोल के,
राजा श्री राम खजाने बेठे खोल के,

निर्धनों को जो रोज याहा धनवान बनाते है,
कुटियो में भी रहने वालो के मेहल बनाते है,
दुःख में रेहने वालो का भी साथ नही छोड़ ते,
राजा श्री राम खजाने बेठे खोल के,

सेवक का जो सेवा का ऐसा वरदान भी देते है,
उसे भगती की लेहरो का जो इक तूफ़ान भी देते है,
पतवार चलते है भवपार लगाते है,
राजा श्री राम खजाने बेठे खोल के,

King Shri Ram opened the treasury,
Sitting on Sita ji’s Ram treasures,
King Shri Ram opened the treasury,

The court of the dearest king is yaha punishment,
The coming aaja re your fate has awakened,
The sleeping parts are awakened by incompetence,
King Shri Ram opened the treasury,

Who makes the poor rich every day,
They also make palaces for those who live in huts.
Do not leave even those who live in sorrow,
King Shri Ram opened the treasury,

Of the servant who also gives such a boon of service,
The one who gives him even a single storm of Bhagti’s Lehro,
The rudder moves,
King Shri Ram opened the treasury,

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