सावरिया मन भाया रे,
सावरिया मन भाया रे ।
सोहिनी सूरत, मोहिनी मूरत,
हृदय बीच समाया रे ।
देश में ढूंढा, विदेश में ढूंढा,
अंत को अंत ना पाया रे ।
काहू में एहमद, काहू में ईसा,
काहू में राम कहाया रे ।
सोच कहे यकरंग पिया,
जिन ढूंढा तिन पाया रे ।
Saawariya Man Bhaya Re,
Savaria man bhaya re.
Sohini Surat, Mohini Murat,
Heart in between.
Searched in the country, searched abroad,
The end did not find the end.
Ahmed in Kahu, Jesus in Kahu,
Where was Ram in Kahu?
Thinking said Yakarang drank,
Jin found it three times.