सब का मालिक एक है ये कहते तुम साई,
मेरे मालिक तुम ही हो दिल में तुम्ही साई,
सब का मालिक एक है
भक्ति तो है एक सामान निर्मल मन और ध्यान,
तुमने दिया है साई नाथ मुझको अन्तर्याम,
इस ज्ञान से मैं तुम्हे जान सका हु साई,
मेरे मालिक तुम्ही हो दिल में तुम्ही हो साई,
तेरे मेरे की रट तुमसे भुला मैं तो साई,
हर प्राणी से प्रीत करना सीख गया मैं साई,
इस दिल में श्रद्धा हो उसके मालिक साई,
मेरे मालिक तुम्ही हो दिल में तुम्ही हो साई,
आया तेरी शरण में साई लेकर पूरी आस,
प्यासा आता जैसे की सदा कुए के पास
तेरा नाम लेकर ही चैन मिलता साई,
मेरे मालिक तुम्ही हो दिल में तुम्ही हो साई,
The master of all is one, you say Sai,
You are my master, you are the only Sai in my heart.
God is one
Devotion is like a pure mind and meditation,
You have given Sai Nath to me Antaryam,
With this knowledge I have come to know you Sai,
You are my master, you are in my heart Sai,
I forget you my rut, I am Sai,
I have learned to love every creature, Sai
Have faith in this heart, its owner Sai,
You are my master, you are in my heart Sai,
Came in your shelter with Sai with full hope,
Comes thirsty as always near the well
Sai get peace only by taking your name,
You are my master, you are in my heart Sai,