साईं के मुख का दीदार करे बेडा पार,
सबके दुखरे मिटाए सब को पार लगाये,
तेरी महिमा है अपरम पार,
जनम जनम से भटक रहा हु,
मुझको भी रस्ता दिखा दे,
मैं अज्ञानी जीव हु साईं,
बती की जोत जगा दे,
एसा भाग्य चमका दे साईं जैसे कोई हो चमत्कार,
साईं के मुख का दीदार…..
जो भी तेरे दर पे आये उसको गले से लगा ले,
दुःख उसके अब ये झेले सुख अमृत है लुटाइए,
साईं तेरा रूप निराला तेरे हाथ है हज़ार,
साईं के मुख का दीदार…….
तेरी पूजा तेरा सुमिरन साईं का वचन है प्यारा,
शिर्डी में जो आये मेहता वो ही साईं का प्यारा,
सुख करता ये दुःख हरता ये नाम ही सच्चा आधार,
साईं के मुख का दीदार……
Let’s see Sai’s face across the fleet,
Eradicate everyone’s sorrows and cross everyone,
Your glory is infinite,
I am wandering from birth to birth,
Show me the way too
I am an ignorant creature, Sai
Wake up the flame of the lamp,
May your fortune shine like a miracle,
The sight of Sai’s face…..
Whoever comes at your door, embrace him.
The sorrow he now has to bear is the nectar of happiness, spend it,
Sai your form is unique, your hands are a thousand,
The sight of Sai’s face.
Your worship is the word of your Sumiran Sai lovely,
Mehta, who came to Shirdi, is Sai’s beloved.
This makes happiness, removes sorrow, this name is the true basis,
The sight of Sai’s face……