सांई मस्त मलंगा,
मन साई रंग रंग रंगा,
सांई मस्त मलंगा….
घर घर जा कर अलख जगाये मन को अंदर तलक जगाये,
जो खुद आकर प्यास भुजाये ऐसी है ये गंगा,
सांई मस्त मलंगा…..
मंदिर मसिजद और गुरूद्वारे इक दाता के घर है सारे,
फिर काहे का झगड़ा प्यारे क्या फसाद दंगा,
सांई मस्त मलंगा…..
साई के सब से याराने सब के संग निभाना जाने,
सब को देता पानी दानी क्या माडा क्या चंगा,
सांई मस्त मलंगा…..
Sai Mast Malanga,
Man Sai Rang Rang Ranga,
Sai Mast Malanga….
Wake up the light by going from house to house, wake up the mind from inside,
The one who comes himself and quells thirst is like this Ganga,
Sai Mast Malanga…..
The temple, the mosque and the gurudwara are all the houses of one donor.
Then what’s the fight, dear what a riot,
Sai Mast Malanga…..
Knowing to play with all the best of Sai,
Gives water to all
Sai Mast Malanga…..