ॐ साईं राम, ॐ साईं श्याम, ॐ साईं भगवान्
साई राम साई शाम साई भगवन
शिरडी के दाता सबसे महान
करुणा के सागर दया निधान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई चरण की धुल को माथे जो लगाओगे
पुण्य चरों धाम का शिरडी में ही पाओगे
होगा तुम्हारा वहीँ कल्याण
शिरडी के दाता सबसे महान
कोई शहंशाह उनको कहे शिवका ही तो रूप हैं
छाया हैं वह धर्म की कर्म की वह धुप हैं
पढ़ते जो आये हैं वेद पुराण
शिरडी के दाता सबसे महान
मानवता के साई रवि दया के साई चाँद हैं
साँची प्रेम डोर से रहे वो सबको बांधे हैं
मंदिर मस्जिद एक सामान
शिरडी के दाता सबसे महान
सबको समझते वह एक सा राजा हो या रंक हो
भेद और भाव के मिटा रहे कलंक को
सबको समझते निज संतान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के द्वार हर घडी सत्य की बरखा हो रही
झूठे इस जहाँ के पाप काले धो रही
करते है शंका का समाधान
शिरडी के दाता सबसे महान
दर रहित कशिश भरी साई से निर्मल प्रीत लो
दुश्मनी जो कर रहे उनके दिल भी जीत लो
सबपे चलाते प्रेम के बाण
शिरडी के दाता सबसे महान
साई हमें सीखा रहे सबका मालिक एक है
एक सी नज़र से वह रहे सभी को देख हैं
करते न सहते जो अभिमान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के द्वार शीश धार दो घडी जो सो गए
नफरतों के नाग भी विष रहित वह हो गए
हर एक मुश्किल वह करते आसान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के दर असर होता हर दिली फ़रियाद का
बे-औलाद पा गए सुख वहां औलाद का
बे-जान भी वहां पा गए जान
शिरडी के दाता सबसे महान
दूर अँधेरे कर रही साई भजन की रोशनी
रोग सोग हर रही साई नाम संजीवनी
श्रद्धा सबुरी का देते है दान
शिरडी के दाता सबसे महान
साफ़ शुद्ध होती है जिन दिलो की भावना
पूरी होती उनकी ही साई के द्वार कामना
कष्ट मिटाते कष्ट निधान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई की धूलि से कभी तुम भभूत ले भी लो
हर बला से लड़ने की दैवी शक्ति ले भी लो
जग में बढ़ाते भक्तों की शान
शिरडी के दाता सबसे महान
आस्था में भीग के साई को जो है पुकारते
साई खिवैया बनके ही उनकी नैया तारते
मन की दशा वह लेते है जान
शिरडी के दाता सबसे महान
चमत्कार साई बाबा ने जब निराले थे किये
दिव्या अनोखे पानी से जल गए थे सब दिए
पल में किया चूर था अभिमान
शिरडी के दाता सबसे महान
जिन क्रूर दुष्टों ने डर दिलो में भर दिया
सीधे सादे संत ने सही मार्ग उनको दिखा दिया
दया धरम का वो देते है ज्ञान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के द्वार जो झुके मेल मन का साफ़ कर
कसूर सबके साई ने माफ़ किये उनको अपनाकर
कहता सही है सारा जहाँ
शिरडी के दाता सबसे महान
दुनिया भर की नेमते साई जी के पास है
मांग ले जो है मांगना फिर क्यों इतना उदास है
सबको ही सुख का देंगे वरदान
शिरडी के दाता सबसे महान
निश्चय वृक्ष को यहाँ फलते हम ने देखा है
खोटे सिक्को को भी तो चलते हमने देखा है
श्रद्धा का देते सदा वरदान
शिरडी के दाता सबसे महान
ॐ साईं राम, ॐ साईं श्याम, ॐ साईं भगवान्
साई राम साई शाम साई भगवन
शिरडी के दाता सबसे महान
करुणा के सागर दया निधान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई चरण की धुल को माथे जो लगाओगे
पुण्य चरों धाम का शिरडी में ही पाओगे
होगा तुम्हारा वहीँ कल्याण
शिरडी के दाता सबसे महान
कोई शहंशाह उनको कहे शिवका ही तो रूप हैं
छाया हैं वह धर्म की कर्म की वह धुप हैं
पढ़ते जो आये हैं वेद पुराण
शिरडी के दाता सबसे महान
मानवता के साई रवि दया के साई चाँद हैं
साँची प्रेम डोर से रहे वो सबको बांधे हैं
मंदिर मस्जिद एक सामान
शिरडी के दाता सबसे महान
सबको समझते वह एक सा राजा हो या रंक हो
भेद और भाव के मिटा रहे कलंक को
सबको समझते निज संतान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के द्वार हर घडी सत्य की बरखा हो रही
झूठे इस जहाँ के पाप काले धो रही
करते है शंका का समाधान
शिरडी के दाता सबसे महान
दर रहित कशिश भरी साई से निर्मल प्रीत लो
दुश्मनी जो कर रहे उनके दिल भी जीत लो
सबपे चलाते प्रेम के बाण
शिरडी के दाता सबसे महान
साई हमें सीखा रहे सबका मालिक एक है
एक सी नज़र से वह रहे सभी को देख हैं
करते न सहते जो अभिमान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के द्वार शीश धार दो घडी जो सो गए
नफरतों के नाग भी विष रहित वह हो गए
हर एक मुश्किल वह करते आसान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के दर असर होता हर दिली फ़रियाद का
बे-औलाद पा गए सुख वहां औलाद का
बे-जान भी वहां पा गए जान
शिरडी के दाता सबसे महान
दूर अँधेरे कर रही साई भजन की रोशनी
रोग सोग हर रही साई नाम संजीवनी
श्रद्धा सबुरी का देते है दान
शिरडी के दाता सबसे महान
साफ़ शुद्ध होती है जिन दिलो की भावना
पूरी होती उनकी ही साई के द्वार कामना
कष्ट मिटाते कष्ट निधान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई की धूलि से कभी तुम भभूत ले भी लो
हर बला से लड़ने की दैवी शक्ति ले भी लो
जग में बढ़ाते भक्तों की शान
शिरडी के दाता सबसे महान
आस्था में भीग के साई को जो है पुकारते
साई खिवैया बनके ही उनकी नैया तारते
मन की दशा वह लेते है जान
शिरडी के दाता सबसे महान
चमत्कार साई बाबा ने जब निराले थे किये
दिव्या अनोखे पानी से जल गए थे सब दिए
पल में किया चूर था अभिमान
शिरडी के दाता सबसे महान
जिन क्रूर दुष्टों ने डर दिलो में भर दिया
सीधे सादे संत ने सही मार्ग उनको दिखा दिया
दया धरम का वो देते है ज्ञान
शिरडी के दाता सबसे महान
साई के द्वार जो झुके मेल मन का साफ़ कर
कसूर सबके साई ने माफ़ किये उनको अपनाकर
कहता सही है सारा जहाँ
शिरडी के दाता सबसे महान
दुनिया भर की नेमते साई जी के पास है
मांग ले जो है मांगना फिर क्यों इतना उदास है
सबको ही सुख का देंगे वरदान
शिरडी के दाता सबसे महान
निश्चय वृक्ष को यहाँ फलते हम ने देखा है
खोटे सिक्को को भी तो चलते हमने देखा है
श्रद्धा का देते सदा वरदान
शिरडी के दाता सबसे महान