सखी री चल बरसाने की और,
महीना फागण को आयो री,
वहा अब मिले गए नन्द किशोर महीना फागण को आयो री,
सखी री चल बरसाने की और,
कोई तन रंगे कोई मन रंगे कोई श्याम रंग जीवन रंगे,
अरे सब न कशू न कशू रंगो मैंने रंग ली प्रीत की डोर,
अरी री सखी री चल बरसाने की और………
कोई गिद्ध रंगे कोई गाली रंगे कोई मन में छवि निराली लगे,
थारे जापे तेरो रंग चङोन चढ़े रंग न कोई और,
सखी री चल बरसाने की और…….
कोई खाब रंगे कोई ख्याल रंगे कोई केसर बीच गुलाल रंगे,
अरे बरसाने की गलियां में आज हो रही जोरम जोर,
सखी री चल बरसाने की और,
Sakhi ri let’s go to rain and,
The month has come to Phangan,
Now the month of Nand Kishore found there has come to Phangan,
Sakhi ri let’s go to rain and,
Some color the body, some color the mind, some dark color life,
Oh sab na kashu na kashu rango, I have colored the door of love,
Ari Ri Sakhi Ri Chal Barsane Ki Aur………
Some vultures are colored, some are abused, some may find the image strange in their mind,
Thare jape tero rang chaon chane chade rang nahi koi koi,
Sakhi ri let’s go to rain and…..
Some colors are colored, some are colored, some are colored with saffron in the middle,
Hey there is a lot of loud noise in the streets of Barsane today,
Sakhi ri let’s go to rain and,