सालासर में जिसका आना जाना हो गया

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सालासर में जिसका आना जाना हो गया,
वो ही मेरे बाबा का दीवाना हो गया,
सचे दरबार में जो मन से आ गया,
बाला जी का भक्त वो निराला हो गया

जाके दरबार में जो शीश जुकाते है,
बाला जी दयालु उन्हें गले से लगाते है,
जिसका मेरे बाबा से याराना हो गया,
वो ही मेरे बाबा का दीवाना हो गया,

प्यार का खजाना बाला जी भरपूर है,
प्रेम को लुटाने में ये बड़े मशहूर है,
जो भी इससे जाना पहचाना हो गया,
वो ही मेरे बाबा का दीवाना हो गया,

इक वो ज़माना था थॉर न ठिकाना था,
मुझे आते देख आँखे फेर था ज़माना था,
किस्मत बुलंद रातो रात हो गई,
सारे कहते है की करा मात हो गई,
जबसे तेरी मेरी मुलाक़ात हो गई

बाबा के दीवाने की तो बात निराली है,
बाबा किरपा से तो उनकी दिवाली है,
जिनका उनके चरणों में ठिकाना हो गया ,
वो ही मेरे बाबा का दीवाना हो गया,

The one who came and went in Salasar,
He became crazy about my Baba.
The one who came from the heart in the true court,
He became a devotee of Balaji.

Go and bow your head in the court,
Balaji kindly embraces him,
Who fell in love with my father,
He became crazy about my Baba.

The treasure of love is plentiful, Balaji.
It is very famous in robbing love,
Whoever became familiar with it,
He became crazy about my Baba.

There was a time, Thor was no where,
There was a time when I saw me coming,
Luck became high overnight,
Everyone says that the tax has been defeated,
since you met me

It is a strange thing about Baba’s lover.
It is his Diwali from Baba Kirpa.
Who was abducted at his feet,
He became crazy about my father.

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