संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
किस्मत वालो के घर में श्याम आता है,
गेहरा हो नाता बाबा का जिनसे,
मिलने को बाबा आता है उनसे,
उनका यह साथी बन जाता है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
किरपा बरसती है जिनपे इनकी,
तकदीर लिखता हाथो से उनकी,
गम का अँधेरा छत जाता है
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
भजन सुनते जो इनके प्यारे,
उसके परिवार के वारे न्यारे,
मंदिर सो घर बन जाता है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
कुछ भी असम्बब होता नही है,
महफ़िल में इसकी होता यही है,
सुनील सब यहाँ मिल जाते है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
Decorates the decoration of the gathering,
Shyam comes to the house of the lucky ones.
Baba’s relationship is deep,
Baba comes to meet him,
This becomes his companion,
Decorates the decoration of the gathering,
Kirpa rained on them,
Writing his fate with his hands,
the darkness of gloom descends
Decorates the decoration of the gathering,
Hear the hymns which are dear to them,
dear to his family,
A temple becomes a home.
Decorates the decoration of the gathering,
Nothing is awkward,
This is what happens in the gathering,
Sunil all meet here,
Decorates the decoration of the gathering,