सखी सपने में एक अनोखी बात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
मैं तो गहरी नींद में सोइये रही रही,
उस प्यारे के सपनो में खोये रही थी,
सखी कैसे मैं बताओ करामात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
धीरे धीरे वो पास मेरे आने लगे,
मुझ बिरहँ को दिल से लगाने लगे,
मेरी आखियो से अश्को की बरसात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
मैंने सोचा अब अपने मैं दिल की कहु,
ये जुदाई का दर्द अब कितना सहू
यही सोचते ही सोचते परभात हो गई,
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
अपने साजन की पागल दीवानी हुई,
ऐसी चित्र विचित्र की कहानी हुई,
मिली उसकी झलक ये सोगात हो गई
सँवारे से मेरी मुलाक़ात हो गई ,
A strange thing happened in a friend’s dream,
I met in the evening,
I was sleeping in a deep sleep,
Was getting lost in the dreams of that beloved,
Tell me how my friend got enchanted,
I met in the evening,
Slowly they started coming near me,
Started putting me in my heart,
It rained tears from my eyes,
I met in the evening,
I thought now I will tell my heart,
How much can I bear the pain of separation now?
Thinking of this, I became parabhat.
I met in the evening,
Got madly addicted to my brother-in-law,
Such a picture became the story of a bizarre,
Got a glimpse of him
I met in the evening,