सांवरो कन्हैया मेरो मन में वसो है,
मुरली भजाने वालो मन में वसो रे,
मन में वसो रे कान्हा तन में वसो रे,
कारो कन्हैया मेरो मन में वसो रे,
अरे तिर्शी नजरियां वालो मन में वसो रे,
माखन चुराने वालो मन में वसो रे ,
सांवरो कन्हैया मेरो मन में वसो है,
यमुना किनारे वो तो मुरली भजाये,
गोपियाँ संग वो तो रास रचाये,
मीठी मीठी तान सुनाये जग प्यारे,
अरे पीले पीताम्भर वारो मन में वसो रे,
सांवरो कन्हैया मेरो मन में वसो है,
गोकुल नगरिया में माखन चुराए,
वृन्दावन में वो रास रचाये मथुरा नगरियां को वो धीर बँधाये,
धेनु चराने वारो मन में वासो रे,
मधु को रिझाने वरो मन में वसो रे
सांवरो कन्हैया मेरो मन में वसो है,
Sanwaro Kanhaiya I have a lot in my mind,
Those who listen to the murli, rejoice in their minds,
Vaso re Kanha in the mind, Vaso re in the body,
Karo Kanhaiya, my mind mein vaso re,
Oh my heart with my eyes,
Those who steal butter will be in the heart,
Sanwaro Kanhaiya I have a lot in my mind,
On the banks of the Yamuna, he should send the murli.
With the gopis, they make love.
Tell the sweet sweet tone, dear world,
Hey yellow pitambhar warriors, Vaso re in my mind,
Sanwaro Kanhaiya I have a lot in my mind,
Stole butter in Gokul Nagaria,
He created rasa in Vrindavan, he made the Mathura cities patient,
Dhenu graze the people in the mind,
To woo honey, be there in my mind
Sanwaro Kanhaiya I have a lot in my mind,