सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
राम के भजन में राम के भजन में
सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ
ना भाये मोहे हरी हरी चूड़ी ना भाये मोहे कंगना
बोल दे माँ तू पिया से जाके जाऊ न मैं संग न
बिलकुल साच बताऊ मेरी माँ
मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
नैनो में है छवि राम की मन में श्याम समायो
मिथ्या है संसार सभी ये मोहे रास न आयो
कैसे अब समजाऊ मेरी माँ
मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
न रश्मी को आज बिसरियां बातो में उल्जावे
रंग चडा जिस पर भगती का कोई रंग न भावे,
और न अब खरमाऊ मेरी मेरो मन लाग्यो राम के भजन में
I will not go to my mother’s house in the hymn of my mother Lagyo Ram
In the hymn of Rama In the hymn of Rama
Mother-in-law I don’t go my mother
Na Bhaye Mohe Hari Hari Bangle Na Bhaye Mohe Kangana
Tell me mother, go away from your drink, neither I nor
tell the truth my mother
My mind is in the hymn of Lagyo Ram
The image of Ram is in the nano.
The world is false, all these things don’t come to your liking
how to understand now my mother
My mind is in the hymn of Lagyo Ram
Neither should Rashmi be involved in Bisriyan talks today
The color on which no color of bhagati feels,
And not now in the hymn of Kharmau, my mere mana lagyo Ram