सतगुरु अपनी कुटिया में आ जाइये
ये भी घर है आपका हमे अपनाइये
गुरु नाम का, मैं नशा चाहती हूं
विनय कर रहा हूं,दया चाहती हूं
प्रभू नाम का जाम, मुझे भी पिला दो,
जो देखा न कभी भी वो, जलवा दिखावों,
लगी है तलब जो उसे तुम बुझा दो,
शरण में तुम्हारी शरण में तुम्हारी
जगह चाहती हूं विनय कर रही हूं दया
मिट जाए हस्ति,जा जाए मस्ती,
बन्दों को अपने,जो तुमने बख़्शी,
रहमत पे तेरी टिकी मेरी कश्ती,
वही तो निगाहें वही तो निगाहें
करम चाहती हूं विनय कर रही हूं
गुरु नाम का, मैं नशा चाहती हूं
विनय कर रहा हूं,दया चाहती हूं
चरणों का “शिव” को दीवाना बनावो,
अपनी शमां का परवाना बनालो
अपनी शमां का परवाना बनालो
मै अपने आप को भूलना चाहती हूं
विनय कर रही हूं दया चाहती हूं
Satguru come to your hut
This is also your home, follow us
Guru’s name, I want intoxication
I’m humble, I want mercy
Prabhu’s name jam, give me a drink too,
The one who never saw that, show off,
You have to extinguish that which is called,
in your shelter in your shelter
I want a place, I’m having mercy
Celebrity disappears, fun goes away,
Your servants, which you have given,
Your boat rests on your mercy,
Same eyes, same eyes
I want to do it
Guru’s name, I want intoxication
I’m humble, I want mercy
Make “Shiva” crazy about the feet,
get your shaman’s permit
get your shaman’s permit
i want to forget myself
I want mercy