सवारे रसिया से हो गई अपनी यारी,
हो गई अपनी यारी, लागे बड़ी प्यारी
ये रसिया मोहे लागो प्यारो,
तीन लोक से यह है नयारो,
इनमे बसी बंकि सूरत मैं भी जाऊ बलिहारी,
सवारे रसिया से …
यह रिश्ता नित सपने में आवे,
मीठी मीठी बतिये सुनावे,
जब यादो में पकड़न लगाई,
खुल गई आंख हमारी,
सवारे रसिया से ……………..
यह रसिया मेरो माखन चुरावे,
कुछ खावे ग्वालो को खिलावे,
इसने मेरा सब कुछ लुटा,
मेरा कुछ ना छोड़ा,
सवारे रसिया से …………
तन के उपर वारी आंखे,
लागे शवि बड़ी प्यारी प्यारी,
ब्रज में बंसी सूरत की,
सवारे रसिया से ………….स्वरअलका गोएल
You have become your friend with Rasiya,
You have become your friend, you are very dear
Ye rasia mohe lago dear,
This is Nayaro from the three worlds,
In these banks, I will also go to Balihari,
From Rasiya …
May this relationship always come in a dream,
Tell me sweet sweet talk,
When you caught hold of the memories,
Our eyes opened
From Rasiya ………………
Let this Rasia steal my butter,
Feed some cows to the cowherds,
It robbed me of everything,
leave me nothing,
From Rasiya …………
the eyes on the body,
Lage shiva very dear dear,
of Surat in Braj,
Swara Alka Goel Se………..