जब भी मुझको याद करो गये मैं आउगा,
शिरडी की समादि में मेरे प्राण वसे है,
क्या यश शरीर चला जाऊ गा तेरे खातिर मैं आउगा,
जो भी शिरडी में आयेगा मैं अपरा दूर करू गा,
देख भुला कर हम तो तेरे दिल में वसे है,
शिरडी की समादि में मेरे प्राण वसे है,
मुझे सदा जीवट ही जानो अनुभव करो सत पहचानो,
मैं तेरी पूरी आस करू गा शरदा भाव से मुझको मारो,
तेरे मन मंदिर में बंदे हम तो वसे है,
शिरडी की समादि में मेरे प्राण वसे है,
भारत मारा मुझपर होगा,
नहीं बचन मेरा झूठा होगा,
असहायता ने भरपूर जो माँगा वो तेरा होगा,
मेरे पास अनत कोटि भण्डार भरे है,
शिरडी की समादि में मेरे प्राण वसे है,
जैसा भाव रहा जिस जन का वैसा रूप हुआ मेरे मन का,
धन्य धन्य वो भक्त ननये जो प्यासा है मेरी शरण का,
कर अर्पित तू मेरी धुन में दिन ये बचे है,
शिरडी की समादि में मेरे प्राण वसे है,
Whenever you remember me, I will come,
My life rests in the samadi of Shirdi.
Will my body go away, will I come for your sake?
Whoever comes to Shirdi, I will remove the placenta.
Seeing and forgetting we are in your heart,
My life rests in the samadi of Shirdi.
Know me always alive, feel it, know the truth,
I will do your whole hope and kill me with Sharda Bhava,
We are the ones in your mind temple,
My life rests in the samadi of Shirdi.
India will hit me,
No, my words will be false.
What helplessness has asked for will be yours,
I have infinite reserves full,
My life rests in the samadi of Shirdi.
As was the feeling of the person who took the form of my mind,
Blessed is the devotee who is thirsty for my refuge,
By paying taxes, you are in my tune these days are left,
My life rests in the samadi of Shirdi.