श्री शालिग्राम जी सुनो विनती हमारी अर्ज हमारी
जो वरदान दया कर पाऊ,
प्रात समय उठ मंजन कर के प्रेम सहित मैं अस्नान करवाऊ,
चन्दन धुप दीप तुलसी धर वर्ण वर्ण के पुष्प चदाऊ,
श्री शालिग्राम जी सुनो विनती हमारी
आप विराजो प्रभु रतन सिंगासान घंटा शंख मिरधंग बजाओ
इक बूंद च्र्नामित लेके कुटम्ब सहित बैकुंठ पठाऊ,
श्री शालिग्राम जी सुनो विनती हमारी
जो कुछ भोग मिले प्रबु मो कु भोग लगा के भोजन पाऊ,
जो कुछ पाप किया काया से परिकर्मा के साथ बहाऊ
श्री शालिग्राम जी सुनो विनती हमारी
डर लागत मोहे भवसागर को जम के द्वार प्रभु नही जाऊ
माधव दास आस प्रभु की हरी दासन को दास कहौउ
श्री शालिग्राम जी सुनो विनती हमारी
Listen Shri Shaligram ji, our request is our request.
The boon that I can have mercy,
Get up early in the morning and make me bathe with love,
Chandan Dhoop Deep, Tulsi Dhar, flowers of color,
Shri Shaligram ji listen to our request
You play virajo lord ratan singasan bell conch mirdhang
Baikunth Patau with a family named after one drop,
Shri Shaligram ji listen to our request
Whatever enjoyment you get, Prabu Mo Ku, I can get food after enjoying it,
Whatever sin has been done, shed with parikarma from the body
Shri Shaligram ji listen to our request
Do not go to the Lord at the gate of the ocean of fear.
Madhav Das as a slave to the green servant of the Lord
Shri Shaligram ji listen to our request