श्याद तेरे पास नहीं कुछ देने को सरकार

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श्याद तेरे पास नहीं कुछ देने को सरकार,
रे मैं तो सोच के आया था की तू है लखदातार,

रे कब से अर्जी लेके घुमु करता न सुनवाई तू,
मेरी अर्जी बता दे तुम्हे देती नहीं दिखाई क्यों,
मेरे मिलने जुलने वाले सभी हसी उड़ाते है,
क्यों खाटू में जाता हु आपस में बतलाते है,
मैं भी अब ये सोचता  हु अब आना है बेकार,
मैं तो सोच के आया था की तू है लखदातार,

सोने के शिगाशन पे तू बैठ के हुकम चलता,
हम रोये लाचारी में तू छपन भोग उडाता,
जाने कैसे लोगो का तू बिगड़ा काम बनाता,
श्याद तेरा पिछले जन्मो का है उनसे नाता,
या फिर मोटे से है वो या तेरे रिश्ते दार,
मैं तो सोच के आया था की तू है लखदातार,

खुलम खुला साफ़ बता दे क्या है मन में श्याम देना है देदे वर्ण मुझको और है काम,
खाली हाथ जो मैं लौटा होगी तेरी बदनामी ऐसी कौन सी बात है तुझमे महिमा सब ने मानी,.
हाथ जोड़ विनती करता शर्मा वार्म वार,
मैं तो सोच के आया था की तू है लखदातार,

The government does not have anything to give you,
Hey, I had come with the thought that you are Lakhdatar,
Since when do you roam around with an application or listen?
Tell me my application, why don’t you see it?
Everyone I meet laughs,
Why do I go to Khatu and tell each other,
I also think now that I have to come now is useless,
I had come to think that you are Lakhdatar,
You sit on the throne of gold and rule,
We cried in helplessness,
Know how you make a bad job of people,
You have a relationship with them in your past lives.
Or is he from fat or your relatives,
I had come to think that you are Lakhdatar,
Openly tell me clearly what is there in your mind, you have to give dark characters, I have more work,
I would have returned empty handed.
Sharma warmly pleads with folded hands,
I had come to think that you are Lakhdatar,

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