दौड़े आते बाबा श्याम , भगत की लाज बचाने को
लाज बचाने को भगत की लाज बचाने को
दौड़े आते बाबा श्याम भगत की लाज …….
भरी सभा में हुई लाचारी
द्रोपदी बहना तुम्हे पुकारी
आ के चीर बढ़ाए प्रभु तुम , धर्म निभाने को
दौड़े आते बाबा श्याम भगत की लाज ……..
श्याम से जिसने लगन लगाई
भगत अनोखी मीरा बाई
जहर का प्याला अमृत करने , लाज बचाने को
दौड़े आते बाबा श्याम भगत की लाज ……..
नानी के सब काम बनाए
भाती बनके श्याम है आए
नरसी ने अरदास लगाई , भजन सुनाने को
दौड़े आते बाबा श्याम भगत की लाज ……..
इक निर्धन की करी सुनाई
यार सुदामा की प्रीत निभाई
मोहन कौशिक आए श्याम , फिर गले लगाने को
दौड़े आते बाबा श्याम भगत की लाज ……..
Baba Shyam came running to save the shame of Bhagat
To save the shame, to save the shame of Bhagat
The shame of Baba Shyam Bhagat came running.
helplessness in a crowded meeting
Draupadi’s sister called you
Come, Lord, you increase the rag, to fulfill the religion
The shame of Baba Shyam Bhagat came running……..
Shyam who worked hard
Bhagat Anokhi Meera Bai
To nectar a cup of poison, to save shame
The shame of Baba Shyam Bhagat came running……..
make all the work of granny
Bhati Bane Shyam Hai Aaye
Narsi prayed, to recite hymns
The shame of Baba Shyam Bhagat came running……..
I heard the curry of the poor
Dude played Sudama’s love
Mohan Kaushik came to Shyam, then to hug
The shame of Baba Shyam Bhagat came running……..