श्याम जो देता ना मुझको सहारा
होता कभी न पार किनारा
श्याम जो देता ना ………….
उजड़ गयी थी ज़िन्दगी श्याम मेरी
जो होती ना मुझपे नज़र तेरी
पतझड़ था ये मेरा जीवन सारा
होता कभी न पार किनारा
श्याम जो देता ना ………….
आयी मुसीबत अपनों ने साथ छोड़ दिया
मैंने जिसकी और भी देखा उसी ने मुख मोड़ लिया
जीवन की राहों में फिरता था मारा मारा
होता कभी न पार किनारा
श्याम जो देता ना ………….
श्याम मिला तो बनी मेरी पहचान
सब अपने बन गए जो थे कभी अनजान
करिश्मा ना भूलेगी ये प्यार तुम्हारा
होता कभी न पार किनारा
श्याम जो देता ना ………….
Shyam who gives no support to me
would never cross the edge
Shyam who doesn’t give…………
my life was ruined
Whoever was not your eyes on me
it was autumn all my life
would never cross the edge
Shyam who doesn’t give…………
The trouble that came, loved ones left them together
Whatever else I saw, he turned his face
used to wander in the paths of life
would never cross the edge
Shyam who doesn’t give…………
When I got Shyam, my identity became
All have become their own who were once unknown
Karishma will not forget this love of yours
would never cross the edge
Shyam who doesn’t give…………