श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया ।
ऐसी रंग दे, के रंग नहीं छुटे ।
धोभिया धोये चाहे सारी उमरिया ॥
लाल ना रंगाऊं मैं, हरी ना रंगाऊ ।
अपने ही रंग में रंग दे चुनरिया ॥
बिना रंगाये मैं तो घर नाही जाउंगी ।
बीत ही जाए चाहे सारी उमरिया ॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ।
प्रभु चरनन ने लागी नजरिया ॥
Shyam piya mori rang de chunaria.
Give such color, that the color does not go away.
Wash the dhobhiya even if all the umaria
I should not paint red, I will not paint green.
Give color in your own color
I will not go home without dyeing it.
May the entire age pass.
Meera’s lord Giridhar Nagar.
Prabhu Charan’s vision