श्याम तेरी एसी खटक लागी छोड़ घर खाटू में आगी,
मन मर्जी से उठिया करती,
चार टाइम मैं खाया करती ,
ईब भर्ती रेहवण लागी,
छोड़ घर खाटू में आगी,
श्याम तेरी एसी खटक लागी छोड़ घर खाटू में आगी,
न मानु भी मैं ईश्वर ने,
ना जागी कदे ज्योत भी घर में,
ईब तेरी ज्योत जगन लागी
छोड़ घर खाटू में आगी,
श्याम तेरी एसी खटक लागी छोड़ घर खाटू में आगी,
सूरज रोहतिया की मानी थी तेरा नाम मैं तब जानी थी,
ईब इस लोह चडन लागी छोड़ घर खाटू में आगी,
श्याम तेरी एसी खटक लागी छोड़ घर खाटू में आगी,
Shyam teri AC khatak lagi left and came home in Khatu,
would wake up voluntarily,
I used to eat four times,
ebb recruitment will apply,
Leaving the house ahead in Khatu,
Shyam teri AC khatak lagi left and came home in Khatu,
I don’t even believe that God has given me,
Do not wake up even the flame in the house,
Ib Teri Jyot Jagan Lagi
Leaving the house ahead in Khatu,
Shyam teri AC khatak lagi left and came home in Khatu,
Suraj Rohtia believed that I knew your name then,
Ib left this iron sandalwood and went home in Khatu,
Shyam teri AC khatak lagi left and came home in Khatu,