सजा है श्री राम दरबार ,
राजा राम के राज्य-तिलक का ,
आज है शुभ दिन वार॥
सिंहासन सियाराम बिराजै।
तीनों भाई इत-उत साजै॥
चरणों में हनुमान खड़े हैं ,
शोभा अपरम्पार।
सजा है श्री राम दरबार ,
राजा राम के राज्य-तिलक का ,
आज है शुभ दिन वार॥
गुरुवर तिलक राम को कीन्हां।
माताओं ने आशीष दीन्हां॥
सुर-नर ,पुरूजन ,परजन जन-गण ,
बोलें जय जयकार।
सजा है श्री राम दरबार ,
राजा राम के राज्य-तिलक का ,
आज है शुभ दिन वार॥
बाज रहे हैं अनहद बाजे।
हर कोई झूमें हर कोई नाचे॥
कनक भवन मंगल-धुन बाजे ,
हो रहा मंगलाचार।
राम नाम की लीला गाते हैं
सजा है श्री राम दरबार ,
राजा राम के राज्य-तिलक का ,
आज है शुभ दिन वार॥
राजा राम अवधपति राजे।
यथा योग्य सब लोग नवाज़े॥
हनुमत रूप देख सब मन में हरसाते है
भरत राम चरणों में शीश नवाते है।
आज अयोध्या नगरी सजी है
सजा है श्री राम दरबार ,
राजा राम के राज्य-तिलक का ,
आज है शुभ दिन वार॥