सतसंग वाली नगरी चल रे मना,
पी ले राम जी के चरणों का तूं जल रे मना,
चल रे मना, चल रे मना,
पी ले राम जी के चरणों का तूं जल रे मना,
सतसंग वाली नगरी चल रे मना,
इस नगरी में प्रेम की गंगा,
जो भी नहाए हो जाए चंगा,
मल मल के तूं निर्मल कर रे मना,
सतसंग वाली नगरी चल रे मना,
सतसंग के है अज़ब नज़ारे,
बहुत सुहाने बहुत ही प्यारे,
पी ले सुख और शांति का फल रे मना,
सतसंग वाली नगरी चल रे मना,
सतसंग का है संग निराला,
मनमंदिर में जो करे उजाला,
अपने जीवन को सफल तूं कर रे मना,
सतसंग वाली नगरी चल रे मना,
Let’s go to the city of satsang, please! Drink the water of Lord Ram’s feet, oh man! Come on, come on, come on, come on, come on! Drink the water of Lord Ram’s feet, oh man! Let’s go to the city of satsang, please!
Ganga of love in this city, Whoever takes bath will be healed. You purify the feces, oh my! Let’s go to the city of satsang, please!
There are amazing views of satsang, very pleasant, very lovely, Drink the fruit of happiness and peace, O Mana, Let’s go to the city of satsang, please!
The company of satsang is unique, Whatever light does in the temple of mind, You make your life successful. Let’s go to the city of satsang, please!