तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे,
कोई समजन गुरु मुख प्यारे वेले अमृत दे,
तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे,
तेरे अंदर भरे खजाने उस न लूट दे रहे ने बेगाने,
तू क्यों न झाती मारी वेले अमृत दे,
तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे,
अमृत वेले अमृत बरसे उधमी पीवे आलस तरसे,
ओनु पीवण कर्मा वाले वेले अमृत दे,
तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे,
मैं मेरी न दिलो भुला दे गुरु शब्दा विच सूरत लगा दे,
फिर वेख ले अज़ब नजारे,वेले अमृत दे,
तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे,
विषया विच क्यों उम्र गवाई,
अपने घर दी होश ना आई,
उठ हुन तू अमृत पी ले वेले अमृत दे,
तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे,
Tenu Satguru Awaja Mare Vele Amrit De,
Koi Samajan Guru Mukh Pyare Vele Amrit De,
Tenu Satguru Awaja Mare Vele Amrit De,
Tere andar bhare khazane us na loot de rahe ne begane,
Why don’t you look at the time of nectar,
Tenu Satguru Awaja Mare Vele Amrit De,
Amrit vele amrit barse udhami pive alas tarse,
Give him nectar at the time of his drinking karma,
Tenu Satguru Awaja Mare Vele Amrit De,
Main Meri Na Dilo Bhula De Guru Shabda Vich Soorat Laga De,
Phir vekh le azab nazaare,vele amrit de,
Tenu Satguru Awaja Mare Vele Amrit De,
Why wasted your life in the subject,
Apne ghar di hosh na aai,
Uth hun tu amrit pi le vele amrit de,
Tenu Satguru Awaja Mare Vele Amrit De,