तेरा कृष्ण से गिरकना हम आई देने उल्हाना,
बहुत घना समजाया पर बेकार गया समजाना जी,
तेरा कृष्ण से गिरकना हम आई देने उल्हाना,
जब जाहे हम दही बेचने पाछे पाछे आवे ,
थोड़ा सा भी न बेह न माने हमने आँख दिखावे,
ये है रोज का काम होया माहरी फटकी फोड़ गिरना जी,
तेरा कृष्ण से गिरकना हम आई देने उल्हाना,
जब जामे हम नहाने नदी पे वसरत हमारे छुपा दे,
कई बार तेरे से कह ली कान्हा ने समजादे,
माहरे कही की माने न उन्हें छोड़ दिन शर्माना जी,
तेरा कृष्ण से गिरकना हम आई देने उल्हाना,
पाछे से घर में आ जाओ चुरा के माखन खावे,
नहीं अकेला आता काइयाँ ने साथ में ल्यावे,
तुम खावे घना खिंढावै मने मुश्किल हो जावे संग वाना री,
तेरा कृष्ण से गिरकना हम आई देने उल्हाना,
गंगा यमुना और गोमती इकठो होक आई,
हमने घना सगा सतावे से यो मैया तेरा कन्हाई,
दे माहरी बात न जचती सुन ले कवी सिंह का गाना री,
तेरा कृष्ण से गिरकना हम आई देने उल्हाना,
I humiliate you to fall from Krishna,
Very densely understood but wasted,
I humiliate you to fall from Krishna,
Whenever we come after selling curd,
Let us show our eyes even a little bit,
This is the daily work, hoya mahri bursting and falling, ji,
I humiliate you to fall from Krishna,
When we go to bathe, we hide our spring on the river,
Kanha has told you many times,
Don’t believe that Mahre has to leave him and be shy ji,
I humiliate you to fall from Krishna,
Come to the house from behind and eat butter after stealing it,
No one comes alone.
Tum khave ghana khindhavai mein difficult jaane sang wana ri,
I humiliate you to fall from Krishna,
Ganga Yamuna and Gomti came together,
We have been tormenting deeply, yo maiya tera Kanhai,
De mahri baat na jachti sun le kavi singh song re,
I humiliate you to fall from Krishna,