तेरे चरणो से है मुझे प्यार साँवरे,
मेरी डूबे नैया, कर पार साँवरे,
तेरे होते डूबे नैया, ये कैसे संभव है,
हारे का साथी बाबा तू, फिर किस बात का डर है,
आके थामो न मेरी पतवार साँवरे…..
ऐसी मुझसे हुई खता क्या बोलो तो गिरधारी,
क्यों तुम हमसे रूठे बात समझ न आरी
विनती सुन लो न मेरी एक बार साँवरे…..
हार के दर पे जो भी आता बिगड़ी उसकी बनाते,
सेठ सवारिया कहती दुनिया, लखदातार कहलाते
तेरे होते क्यों होती मेरी हार साँवरे…..
तेरे खाटू की माटी को माथे तिलक लगाऊ,
भूल हुई जो साँवरिया, उसकी क्षमा में चाहू,
लिखता “आशीष” मुझको भी तार साँवरे,
गाता “विवेक” सुन लो पुकार साँवरे….
मेरी डूबे नैया, कर पार साँवरे…….
लिरिक्स: आशीष गर्ग
I love you from your feet,
My drowned soul,
You have drowned, how is this possible,
Baba you are the companion of the loser, then what are you afraid of?
Come, don’t hold my rudder dark…..
If you say such a letter to me, then Girdhari,
Why didn’t you understand what was rude to us?
Don’t listen to my request once in a while…..
Whatever comes at the rate of defeat, make it spoiled.
Seth Sawaria says the world is called Lakhdatar
Why would I have lost my life without you…..
Apply tilak to the soil of your Khatu,
I would like to forgive the Saawariya who made a mistake.
Writes “Ashish” to me too,
Listen to the song “Vivek” call Saaware….
My drowned Naya, after crossing the sun…….
Lyrics: Ashish Garg