तेरे दर पे मेरे माधव ये शीश झुकाया है,
बाबा हार के आया हु मैं दर दर का सताया हु,
तेरे दर पे मेरे माधव ये शीश झुकाया है,
चौकठ पे गया सबकी हर मंदिर भटका हु,
आखिर तेरे तोरण पर अपना सिर रखता हु,
सुनता हु तेरी रेहमत दिन रात बरस ती है,
बाबा हार के आया हु मैं दर दर का सताया हु,
तेरे दर पे मेरे माधव …..
जिनसे भी उमीदे थी उन सब से रुलाया है,
रो रो कर गम पूछे हस हस का उड़ाया है,
विश्वाश तुझी पर है नैया पार लगानी है,
बाबा हार के आया हु मैं दर दर का सताया हु,
तेरे दर पे मेरे माधव ………
अब आस तुम्ही से है इतवार तुम्ही पे है,
मयूर का सेठ है तू अरदास तुम्ही से है,
अश्को के सागर को घर आ कर समबालो गे,
बाबा हार के आया हु मैं दर दर का सताया हु,
तेरे दर पे मेरे माधव
My head has bowed at your rate, Madhav.
Baba has come after defeat, I am tormented from door to door,
My head has bowed at your rate, Madhav.
I went astray to every temple on the square.
After all, I lay my head on your pylon,
I hear that your mercy rains day and night,
Baba has come after defeat, I am tormented from door to door,
At your rate my Madhav…..
I have made everyone cry from whomever I had hoped,
Weeping and asking sorrow have made me laugh.
Trust is on you, you have to cross the road,
Baba has come after defeat, I am tormented from door to door,
At your rate my Madhav………
Now the hope is from you, Sunday is on you,
You are the Seth of the peacock, you are Ardas from you,
When you come home to the ocean of Ashko, you will understand,
Baba has come after defeat, I am persecuted from door to door,
at your rate my madhav