सर्व सौभाग्य शालनी, सर्व कला प्रवीण,
त्रिलोकी के नाथ मधुप, श्री राधा के अधीन,
तेरी बिगड़ी बना देगी, किशोरी करुणामयी राधे,
कष्ट तेरे मिटा देगी, किशोरी करुणामई राधे,
प्रेम भक्ति रसिक नगरी, तू बरसाने जा इक वारी,
रंग अपना चढ़ा देगी … किशोरी करुणामयी राधे
कृपालु है दयालु है, कृपामयी दयामयी राधे,
तुम्हें अपना बना लेगी … किशोरी करुणामयी राधे
‘मधुप’ हरि राधा से मिलने, आते हर रोज बरसाने,
तुम्हें हरी से मिला देगी … किशोरी करुणामयी मेरी राधे
लेखक : श्री केवल कृष्ण ‘मधुप’ (मधुप हरि जी महाराज)
Sarva Saubhagya Shalini, Sarva Kala Praveen,
Nath Madhupa of Triloki, under Sri Radha,
Will make you spoiled, teenager compassionate Radhe,
Misery will erase you, Kishori Karunamayi Radhe,
The city of love, devotion, love, you go to rain,
Kishori Karunamayi Radhe will give her color…
Merciful is merciful, merciful merciful Radhe,
Will make you my own… Kishori Karunamayi Radhe
‘Madhupa’ Hari comes to meet Radha, showers everyday,
Will match you with Hari… Kishori Karunamayi Meri Radhe
Author: Shri Kewal Krishna ‘Madhupa’ (Madhupa Hari Ji Maharaj)