तेरी पन्हा में आया मुझे पन्हा तो दे,
हे साई अपनी कर्म वाली एक निगहा तो दे,
तेरी पन्हा में आया मुझे पन्हा तो दे,
ना कोई आसान उम्मीद है दिल ऊब गया,
गमो के गहरे ववर में मैं बाबा डूब गया,
मैं फिर से जी लू ज़िंदगी की ऐसी चाह तो दे,
तेरी पन्हा में आया मुझे पन्हा तो दे,
बिछड़ रही है मुझि से ही मेरी परसाई,
तू जान कर भी मेरा हाल चुप है क्यों साई,
भटक गया हु मेरी बाबा नई राह तो दे,
तेरी पन्हा में आया मुझे पन्हा तो दे,
ये तेरे साथ जो बंधी है ड़ोर टूटे ना,
मेरे लवो से तेरा नाम रूठे न,
ये तेरा मेरा जो रिश्ता है तू निभाह तो दे,
तेरी पन्हा में आया मुझे पन्हा तो दे,स्वरलखबीर सिंह लक्खा
If you came in your shelter, give me the panha,
O Sai, give me a look at your karma.
If you came in your shelter, give me the panha,
There is no easy hope, the heart is bored,
Baba drowned in the deep wave of sorrow,
If I want to live again, give me such a wish for life,
If you came in your shelter, give me the panha,
My crush is getting separated from me,
Even after knowing you my condition is silent, why Sai,
I have gone astray, my baba, give me a new path.
If you came in your shelter, give me the panha,
The strings that are tied with you are not broken,
Do not make your name angry with my love,
This is your relationship with me, if you maintain it, then give it,
Aaya in your panha, give me panha, Swarlakhbir Singh Lakha