शरणागत की शाम बाबा लाज बचाओ जी,
थारी मोरछड़ी लेहराओ जी थारी मोर छड़ी लेहराओ,
मझधार में बाबा अटकी पड़ी नैया के बेड़ो पार करो,
लाखा ने तारियो हो बेटे ने भुला क्यों प्रभु उपकार करो,
भटकोनने श्याम आके राह दिखो जी,
थारी मोरछड़ी लहराये जी……
बरसा से बंद है तकदीर को तालो,
दयालु खोल दइयो चरना बिठा कर के दो बेन मीठा सा,
के मुख सो बोल दो,
टाबरियां के श्याम सिर पे हाथ फिरावो जी,
थारी मोरछड़ी लहराये जी…..
हालात को मारियो दुखड़ा सुने हारो,
मेरो उधार करो,
थारो सहरो है थे हर्ष ने अब तो धनि स्वीकार करो,
हारो ना की श्याम तेहि जीत करवाऊ जी,
थारी मोरछड़ी लहराये जी…..
स्वरसंजय मित्तल
Baba Laj Bachao ji on the evening of refuge
Thari Morchadi Lehrao Ji Thari Mor Chadi Lehrao,
Baba is stuck in the middle, cross the boats of Naya,
Lakha ne tario ho son, why did you forget the Lord,
Shyam has come to wander and show the way, sir.
Thari morchadi wave ji……
Close to the rain, close your fate,
Be kind and sweet,
Speak on your face
Turn your hands on the black head of Tabriya, ji,
Thari morchadi wave ji…..
Hear the situation mario sad, lose,
lend me,
Tharo Saharo hai, Harsh has now accepted the rich,
Don’t lose Shyam tehi victory, ji,
Thari morchadi wave ji…..
swarsanjay mittal