तू तीर्थ करले हज़ार वो सारे है बेकार,
अगर माँ रोटी है अगर माँ रोटी है,
कहते है साईं सरकार वो सारे है बेकार,
घर बेठी है भूखी जननी बाहर लंगर बाँट रहा,
अपने मन में सोच ले प्राणी कैसा होगा तेरा भला,
चाहे लाख लुटा भण्डार वो सारे है बेकार,
अगर माँ रोटी है अगर माँ रोटी है,
खुद आभूषण पहना है और कोठी बंगला कार रखी,
माँ घुट घुट कर छुप रोती है माँ की साडी न लाया कभी,
तू करले ज़रा सा विचार ये सारे है बेकार,
अगर माँ रोटी है अगर माँ रोटी है,
जब अपने बच्चे पालो गे तब एह्सा करो गे तुम,
कैसे पला है जननी ने सोच के तब रोयो गे तुम,
चाहे देले तर्क हज़ार वो सारे है बेकार,
अगर माँ रोटी है अगर माँ रोटी है,
मुझे मुकट सोने का चढाया हीरे मोती तुमने दिए,
चरण मेरे पड़ते हो आकर माँ के चरण कभी न छुए,
तुम आते हो मेरे दरबार वो सारे है बेकार,
अगर माँ रोटी है अगर माँ रोटी है,
भुड़ी आँखों की तुम उसकी रोशनी बनकर दिखलाओ,
चलने को मजबूर बेचारी बैसाखी तुम बन जाओ,
फिर पाना मेरा प्यार तब तक है सब बेकार,
अगर माँ रोटी है अगर माँ रोटी है,
You have made a thousand pilgrimages, all of them are useless,
If mother is bread If mother is bread,
It is said that Sai government is all useless.
The hungry mother is sitting at home distributing langar outside,
Think in your mind how the creature will be good for you,
Even if lakhs of looted reserves are all in vain,
If mother is bread If mother is bread,
Wearing jewelery himself and kept the bungalow kothi car,
Mother chokes and cries hiding, never brought mother’s sari,
You have just a little thought, all this is useless,
If mother is bread If mother is bread,
When you raise your children, you will do it.
How did you grow up when you thought of motherhood, you would cry.
Even if the argument is a thousand, all of them are useless,
If mother is bread If mother is bread,
You gave me pearls of gold plated crowns,
Come fall at my feet and never touch the feet of the mother,
You come to my court, they are all useless,
If mother is bread If mother is bread,
You show the brown eyes as its light,
You become a poor crutch forced to walk,
To get my love again is till then all is useless,
If mother is bread If mother is bread,