तुम सामने बैठे हो बाबा हम देख रहे मन दर्पण में,
दुनिया ढूंढे तुम्हे कण कण में हम मिलन मनाते मधुवन में,
तुम सामने बैठे हो बाबा हम देख रहे मन दर्पण में,
ना तन को तड़पाया हम ने ना घर वारि छोड़े के जंगल को गए,
जिस रह पर ब्रह्मा बाबा चले उस राह पर हम भी चल पड़े,
बाबा तुमने मुझे मीरा कहा हम खुश हो रहे अंतर मन में,
तुम सामने बैठे हो बाबा हम देख रहे मन दर्पण में,
तेरी छतर छाया के निचे हम खुद को सुरक्षत पाए है,
बाकी ममता तुम से ही मिली प्यार पिता का पाए है,
तुम भूल से भी भूल सकते नहीं एहसान है इतने जीवन में,
तुम सामने बैठे हो बाबा हम देख रहे मन दर्पण में,
तीनो लोको की सैर करे जब चाहे आये जाए हम,
तेरी महिमा के गीत हम सब ही बाबा हम हर पल ही गाये,
जन्मो की प्यास भुजी दिल की पहचान मिली जब संगम में
तुम सामने बैठे हो बाबा हम देख रहे मन दर्पण में,
You are sitting in front of us, Baba, we are looking in the mirror.
Let the world find you in every particle, we celebrate meeting in Madhuvan,
You are sitting in front of us, Baba, we are looking in the mirror.
Neither did we torment the body nor did we leave the house wise and went to the forest,
We also followed the path on which Brahma Baba walked.
Baba you called me Meera, we are getting happy in the inner mind,
You are sitting in front of us, Baba, we are looking in the mirror.
We have found ourselves safe under your umbrella.
The rest of the love you got is from your father,
You can’t forget even by mistake, there is so much favor in life,
You are sitting in front of us, Baba, we are looking in the mirror.
We should visit the three worlds whenever we want.
We all sang the songs of your glory, Baba, every moment.
The thirst of births got the recognition of the heart when in the confluence
You are sitting in front of us, Baba, we are looking in the mirror.