उधो मैया ते जा कहिओ,
तेरो श्याम दुःख पावे।
कोई ना ख्वावे मोहे माखन रोटी,
जल अचरान करावे।
माखन मिश्री नाम ना जानू,
कनुया कही मोहे कोई ना पुकारे॥
बाबा नन्द अंगुरिया गहि गहि,
पायन चलिबो सिखायो।
थको जान कन्हिया मेरो,
गोद उठावो और हृदय सो लगावे॥
गहर जन जाओ उधो, आज ही जावो ब्रज,
आवत है याद गोप और गईया की।
उठती है पीर, मनावे नहीं धीर
होस करत अधीर, वासु वंसिवट छईया की।
उन्हें समझायियो, आवेंगे दोउ भईया।
और जईयो नन्द रईया,
मेरो ले नाम उधो, कहिओ प्रणाम मेरो,
मईया के पायन में उधमी कन्हिया की॥
Udho maiya te ja kahiyo,
May your shyam be sad.
Koi Na Khwave Mohe Makhan Roti,
Get the water stirred.
Makhan mishri naam na janu,
Kanuya somewhere, no one should call me.
Baba Nand Anguria Gahi Gahi,
Teach Payan Chalibo.
My dear Kanhiya,
Take your lap and put your heart to sleep.
Go deep down, wake up today, go Braj,
There is remembrance of Gop and Gaya.
Pir wakes up, don’t be patient
Hos Karate impatient, Vasu Vansivat Chhaiya Ki.
Explain to them, they will come, dou bhaiya.
And Jaiyo Nand Raiya,
Udho my name, say my salutation,
In Mayya’s footsteps, the fussy Kanhiya’s