ऊरे आजा वे श्याम निक्केया,
तू चोरी करना कित्थों सिखया
इक दिन श्यामा अंदर आया,
छिक्का तोढ़ के थल्ले गिराया
सारा मख्खन मुहं विच पाया,
सोटी मार के यशोदा पुछया,
तू मख्खन खाना कित्थो सिखेआ
इक दिन श्यामा मिटटी खायी
मात यशोदा दौड़ी आई
बाद में ऊँची चपत लगाई
चंड मार के यशोदा पुछेआ,
तू मिटटी खाना कित्थो सिखेआ
श्यामा ने जब मूह ना खोला,
देखके सबका दिल यह डोला
हूँ हूँ करता कुछ ना बोला
सोती मार के यशोदा पुछेआ
तू हूँ हूँ करना कित्थो सिखेआ
श्यामा ने मुख खोल दिखाया,
भेद हटा सब खुल गयी माया
त्रिलोकी का दर्शन पाया,
मत्था टेक के यशोदा पुछेआ
तू लीला करना कित्थो सिखेआ
Ure Aaja Ve Shyam Nikkeya,
Where did you learn to steal?
One day Shyama came inside,
He broke the sneeze and dropped it down
I put all the butter in my mouth,
Soti mar ke Yashoda puchya,
Where did you learn to eat butter?
One day, Shyama ate clay
Mother Yashoda came running
Later, I put on a high chapat
Chand mar ke Yashoda puchea,
Where did you learn to eat clay?
Shyama ne jab mooh na khola,
Everyone’s hearts shook when they saw it
I don’t say anything
Yashoda asked, sleeping
Where did you learn to do hoo hoo?
Shyama ne mukh khol dikhaya,
The differences were removed and all was opened, Maya
Triloki ka darshan paaya,
Yashoda asked, bowing her head
Where did you learn to do the deed?