मोहे प्रेम का अमृत पिला दो प्रभु
जीवन नैया डगमग डोले, व्याकुल मनवा पी पी बोले ।
इस नैया को पार लगा दो प्रभो। मुझे प्रेम का अमृत पिला दो प्रभो ।
तन नगरी में पाप का डेरा,
तुम बिन प्रीतम कोन है मेरा, अपनी शक्ति का हाथ बढादो प्रभो।
मुझे प्रेम का अमृत पिला दो प्रभो ।प्रभु सेवा में जीवन बीते,
यह काया आवे काम किसी के।
मुझे देश की सेवा सिखा दो प्रभो
मुझे प्रेम का अमृत पिला दो प्रभो ।
बनकर तेरी प्रेम दिवानी,
दर पर तेरे आई प्रभो,
अपने प्रेम का पाठ पढा दो प्रभो।
मुझे प्रेम का अमृत पिला दो प्रभो ।
जय श्री राम अनीता गर्ग
Lord, give me the nectar of love
The boat of life wavered, the heart became distraught, PP said.
Lord, help this boat cross. Lord, give me the nectar of love.
The camp of sin in the city of the body,
Who am I to love without you, Lord, extend your hand of power.
Lord, give me the nectar of love. May my life be spent in the service of God.
This body should be useful to someone.
Lord, teach me to serve my country.
Lord, give me the nectar of love.
By becoming your love addict,
I have come to you Lord,
Lord, teach me the lesson of your love.
Lord, give me the nectar of love.
Jai Shri Ram Anita Garg