व्यर्थ गवाया इस जीवन को ,
पुनः जन्म मैं पाउ ॥
बाबा तेरे ओ श्यामा तेरे मन्दिर की मैं,
घन्टी बन कर आउ ॥
सांझ सवेरे मन को तेरे लगते है जो प्यारे ॥
घंटी के वो बोल मैं बनकर,गूँजू तेरे द्वारे ॥
भक्तो के हाथो से हर दिन हर पल टन टन बजता जाऊ,
बाबा तेरे कान्हा तेरे मंदिर की मैं घन्टी बनकर आऊं……
चाँद,चांदनी का चांद और तारों का तारा,
सब भक्तो का प्यारा प्यारा ॥
स्वर्ग से सुंदर जग से न्यारा,खाटू धाम तुम्हारा ॥
उतनी ही कम है तेरी प्रशंशा,जितनी करता जाऊं ॥
बाबा तेरे कान्हा तेरे मंदिर की मैं घंटी बनकर आऊं,
तेरी भक्ति तेरी पूजा में ही मन डूबा ॥
इतनी किरपा ओ मेरे बाबा काम करू ना दूजा ॥
तेरे नाम की ही तेरे नाम की ही माला हर दम जपता जाऊं
बाबा तेरे कान्हा तेरे मंदिर की मैं घंटी बनकर आऊं
वयर्थ गवाया इस जीवन को,पुनः जन्म मैं पाऊं।
Wasted this life in vain,
I will be born again
Baba Tere O Shyama, I am from your temple.
Come as a bell
In the evening, the mind feels like you who are dear.
By becoming the bell of the bell, I echoed through you.
With the hands of the devotees, every moment, every moment, tons of tones are ringing,
Baba Tere Kanha, I will come as a bell of your temple.
The moon, the moon of the moon and the star of the stars,
Dear beloved of all devotees
Apart from the beautiful world from heaven, Khatu Dham is yours.
Your praise is as low as I do.
Baba Tere Kanha, I should come as a bell of your temple.
Your devotion is immersed in your worship.
So much Kirpa oh my baba kaam karam na duja
Let me keep on chanting the rosary of your name only.
Baba Tere Kanha, I will come as a bell of your temple
This life wasted in vain, I can be born again.