मेरे सिर पे रखा हाथ तूने,
जबसे दीनानाथ ये जीवन सवर गया ,
दी खुशियों की सौगात तूने,
जबसे दीना नाथ ये जीवन सवर गया,
मैं हार के इस जग से जब पास तेरे आया,
तूने किरपा पुष्प दे कर मेरा जीवन महकाया,
मेरे दिल की करुणपुकार तूने सुन ले लखदातार,
ओ जीवन सवर गया….
तू श्याम धनि जबसे दिलदार बना मेरा,
इज्जत की मिली रोटी परिवार पला मेरा,
मिल मुझे तेरा प्यार ओ सांवरियां सरकार,
ये जीवन सवर गया,
तू यार गरीबो का सच कहता जग सारा,
सरकार तेरी सच्ची तेरा सच्चा है द्वारा,
तूने कुंदन पे उपकार दिया दीप को ये उपहार,
ये जीवन सवर गया..
You put your hand on my head,
Ever since Dinanath this life was saved,
You gave the gift of happiness,
Ever since Dina Nath this life was saved,
When I came near you from this world of defeat,
You have brightened my life by giving a Kirpa flower,
You hear the compassionate cry of my heart, Lakhdatar,
Oh life is gone…
Ever since you became my darling, Shyam Dhani,
My family grew up with bread of respect,
Mil Me Tera Pyaar O Saawariya Sarkar,
This life has come to an end,
You man tell the truth of the poor, the whole world,
The government is your true, your true through,
You gave this gift to the lamp on Kundan,
This life has come to an end..