यु राम केह रहे थे कही वक़्त टल ना जाए,
बजरंग के आते आते सूरज निकल न जाए,
यु राम केह रहे थे कही वक़्त टल ना जाए,
चल तो दिए है हनुमत संजीवनी को लेने
रस्ते में कोई दुश्मन कही चाल चल न जाए,
बजरंग के आते आते सूरज निकल न जाए,
यु राम केह रहे थे कही वक़्त टल ना जाए,
कर तो दिया है जख्मी कुछ सोचा न भरत तुमने,
मेरे पोंछ ने से पेहले कही रात डर न जाए,
बजरंग के आते आते सूरज निकल न जाए,
यु राम केह रहे थे कही वक़्त टल ना जाए,
फिर वान पे बिठा के यु बोले भरत ग्यानी
बजरंग कही लंका से आगे निकल ना जाए,
बजरंग के आते आते सूरज निकल न जाए,
यु राम केह रहे थे कही वक़्त टल ना जाए,
Yu Ram was saying that time should not pass away.
By the time of Bajrang’s arrival, the sun does not come out,
Yu Ram was saying that time should not pass away.
Let’s go to Hanumat to take Sanjeevani
Let no enemy move on the way,
By the time of Bajrang’s arrival, the sun does not come out,
Yu Ram was saying that time should not pass away.
You have done something injured, you have not thought Bharat,
Don’t be afraid the night before my wipe,
By the time of Bajrang’s arrival, the sun does not come out,
Yu Ram was saying that time should not pass away.
Then you sat on your feet and said Bharat Gyani.
Bajrang never overtakes Lanka.
By the time of Bajrang’s arrival, the sun does not come out,
Yu Ram was saying that time should not pass away.