बचपन से आप सुनते आये होंगे कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ा, तब-तब भगवान ने किसी ना किसी रूप में जन्म लिया और बुराइयों का अंत किया।
ठीक इसी तरह कई संत महात्माओं ने भी समय-समय पर जन्म लिया और अपने चमत्कार से समाज को सही मार्ग दिखाया है.. फिर चाहे वह संत एकनाथ रहे हों, या फिर संत तुकाराम.. तो आइये चर्चा करते हैं कुछ ऐसे ही संतों की, जिन्होंने अपने चमत्कारों और उससे ज्यादा अपने ज्ञान और परमारथ से लोगों का कल्याण किया।
*संत एकनाथ*
〰️〰️〰️ महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संतो में से एक माने जाते हैं.. महाराष्ट्र में इनके भक्तों की संख्या बहुत अधिक है.. भक्तों में नामदेव के बाद एकनाथ का ही नाम लिया जाता है.. ब्राह्मण जाति के होने के बावजूद इन्होंने जाति प्रथा के खिलाफ अपनी आवाज तेज की.. समाज के लिए उनकी सक्रियता ने उन्हें उस वक्त के सन्यासियों का आदर्श बना दिया था… दूर-दूर से लोग उनसे लोग मिलने आया करते थे.. उनसे जुड़े एक चमत्कार की बात करें तो…
एक बार एकनाथ जी को मानने वाले एक सन्यासी को रास्ते में एक मरा हुआ गथा मिलता है, जिसे देखकर वह उसे दण्डवत् प्रणाम करते हैं और कहते हैं ‘तू परमात्मा है.. उनके इतना कहने से वह गधा जीवित हो जाता है।
इस घटना की खबर जब लोगों में फैलती है, तो वह उस संत को चमत्कारी समझकर परेशान करने लगते हैं.. ऐसे में सन्यासी संत एक नाथ जी के पास पहुंचता है और सारी बात बताता है.. इस पर संत एकनाथ उत्तर देते हुए कहते हैं, जब आप परमात्मा में लीन हो जाते है तब ऐसा ही कुछ होता है.. माना जाता है कि इस चमत्कार के पीछे संत एकनाथ ही थे।
*संत तुकाराम*
〰️〰️〰️ भगवान की भक्ति में लीन रहने वाले संत तुकाराम का जीवन कठिनाइयों भरा रहा.. माना जाता है कि उच्च वर्ग के लोगों ने हमेशा उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की.. एक बार एक ब्राहाण ने उनको उनकी सभी पोथियों को नदी में बहाने के लिए कहा तो उन्होंंने बिना सोचे सारी पोथियां नदी में डाल दी थी.. बाद में उन्हें अपनी इस करनी पर पश्चाताप हुआ तो वह विट्ठल मंदिर के पास जाकर रोने लगे।
वह लगातार तेरह दिन बिना कुछ खाये पिये वहीं पड़े रहे.. उनके इस तप को देखकर चौदहवें दिन भगवान को खुद प्रकट होना पड़ा.. भगवान ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए उनकी पोथियां उन्हें सौपी। आगे चलकर यही तुकाराम संत तुकाराम से प्रसिद्ध हुए और समाज के कल्याण में लग गये।
*संत ज्ञानेश्वर*
〰️〰️〰️ कि गिनती महाराष्ट्र के उन धार्मिक संतो में होती हैं, जिन्होंने समस्त मानव जाति को ईर्ष्या द्वेष और प्रतिरोध से दूर रहने का शिक्षा दी थी.. संत ज्ञानेश्वर ने 15 वर्ष की छोटी सी आयु में ही गीता की मराठी में ज्ञानेश्वरी नामक भाष्य की रचना कर दी थी.. इन्होंने पूरे महाराष्ट्र में घूम घूम कर लोगों को भक्ति का ज्ञान दिया था।
उनके बारे में कहा जाता है कि उनका इस धरती पर जन्म लेना किसी चमत्कार से कम नहीं था.. उनके पिता उनकी मां रुक्मिणी को छोड़कर सन्यासी बन गए थे.. ऐसे में एक दिन रामानन्द नाम के सन्त उनके आलंदी गांव आये और उन्होंने रुक्मिणी को पुत्रवती भव का आशीर्वाद दे दिया।
जिसके बाद ही इनके पिता ने गुरु के कहने पर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया और संत ज्ञानेश्वर का जन्म हुआ। संत नामदेव एक प्रसिद्ध संत थे.. उन्होंने मराठी के साथ हिन्दी में भी अनेक रचनाएं की.. उन्होंने लोगों के बीच ईश्वर भक्ति का ज्ञान बांटा.. उनका एक किस्सा बहुत चर्चित है।
एक बार वह संत ज्ञानेश्वर के साथ तीर्थयात्रा पर नागनाथ पहुंचे थे, जहां उन्होंने भजन-कीर्तन का मन बनाया तो उनके विरोधियों ने उन्हेंं कीर्तन करने से रोक दिया.. विरोधियों ने नामदेव से कहा अगर तुम्हें भजन-कीर्तन करना है तो मंदिर के पीछे जाकर करो।
इस पर नामदेव मंदिर के पीछे चले गये.. माना जाता है कि उनके कीर्तनों की आवाज सुनकर भगवान शिव शंकर ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन देने आ गये थे.. इसके बाद से नामदेव के चमत्कारी संत के रुप में ख्याति मिली।
*समर्थ स्वामी*
〰️〰️〰️ जी का जन्म गोदातट के निकट जालना जिले के ग्राम जांब में हुआ था.. अल्पायु में ही उनके पिता गुजर गए और तब से उनके दिमाग में वैऱाग्य घूमने लगा था.. हालांकि, मां की जिद के कारण उन्हें शादी के लिए तैयार होना पड़ा था.. पर, मौके पर वह मंडप तक नहीं पहुंचे और वैराग्य ले लिया।
समर्थ स्वामी के बारे में कहा जाता है कि एक शव यात्रा के दौरान जब एक विधवा रोती-रोती उनके चरणो में गिर गई थी, तो उन्होंंने ध्यान मग्न होने के कारण उसे पुत्रवती भव का आशीर्वाद दे दिया था.. इतना सुनकर विधवा और फूट-फूट कर रोने लगी।
रोते हुए वह बोली- मैं विधवा हो गई हूं और मेरे पति की अर्थी जा रही है.. स्वामी इस पर कुछ नहीं बोले और कुछ देर बाद जैसे ही उसके पति की लाश को आगे लाया गया, उसमें जान आ गई. यह देख सबकी आंखे खुली की खुली रह गई.. सभी इसे समर्थ स्वामी का चमत्कार बता रहे थे।
*देवरहा बाबा*
〰️〰️〰️ उत्तर भारत के एक प्रसिद्ध संत थे.. कहा जाता है कि हिमालय में कई वर्षों तक वे अज्ञात रूप में रहकर साधना किया करते थे.. हिमालय से आने के बाद वे उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सरयू नदी के किनारे एक मचान पर अपना डेरा डाल कर धर्म-कर्म करने लगे, जिस कारण उनका नाम देवरहा बाबा पड़ गया.. उनका जन्म अज्ञात माना जाता है.. कहा जाता है कि…
एक बार महावीर प्रसाद ‘बाबा’ के दर्शन करके वापस लौट रहे थे, तभी उनके साले के बेटे को सांप ने डंस लिया.. चूंकि सांप जहरीला था, इसलिए देखते ही देखते विष पूरे शरीर में फ़ैल गया।
किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें, इसलिए वह उसे उठाकर देवरहा बाबा के पास ले आये.. बाबा ने बालक को कांटने वाले सांप को पुकारते हुए कहा तुमने क्यों काटा इसको, तो सांप ने उत्तर देते हुए कहा इसने मेरे शरीर पर पैर रखा था.. बाबा ने इस पर उसे तुरंत ही कड़े स्वर में आदेश दिया कि विष खींच ले और आश्चर्यजनक रूप से सांप ने विष खींच लिया.. बाबा के इस चमत्कार की चर्चा चारों ओर फैल गई।
*संत जलाराम*
〰️〰️〰️ बापा के नाम से प्रसिद्ध जलाराम गुजरात के प्रसिद्ध संतो में से एक थे.. उनका जन्म गुजरात के राजकोट जिले के वीरपुर गांव में हुआ था। जलाराम की मां एक धार्मिक महिला थीं, जो भगवान की भक्ति के साथ साथ साधु संतो का बड़ा आदर करती थी.. उनके इस कार्य से प्रसन्न संत रघुदास जी उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनका दूसरा पुत्र ईश्वर भक्ति और सेवा के लिए ही जाना जायेगा.. आगे चलकर जलाराम बापा गुजरात के बहुत प्रसिद्ध संत हुए।
एक दिन बापा के भक्त काया रैयानी के पुत्र मृत्यु हो गई.. पूरा परिवार शोक में डूबा था.. इस बीच बापा भी वहां पहुंच गये, उनको देखकर काया रैयानी उनके पैरों में गिर गया और रोने लगा.. बापा ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा तुम शांत हो जाओ. तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा चेहरे पर से कपड़ा हटा दो.. जैसे ही कपड़ा हटाया गया बापा ने कहा बेटा तुम गुमसुम सोये हुए हो, जरा आंख खोल कर मेरी ओर देखो.. इसके बाद चमत्कार हो गया.. क्षण भर में मृत पड़ा लड़का आंख मलते हुए उठ कर इस तरह बैठ गया, मानो गहरी नींद से जागा हो।
*रामकृष्ण परमहंस*
〰️〰️〰️ भारत के महान संत थे.. राम कृष्ण परमहंस ने हमेशा से सभी धर्मों कि एकता पर जोर दिया था.. बचपन से ही उन्हें भगवान के प्रति बड़ी श्रद्धा थी.. उन्हें विश्वास था कि भगवान उन्हें एक दिन जरूर दर्शन देंगे.. ईश्वर को प्राप्त करने के लिए उन्होंने कठिन साधना और भक्ति का जीवन बिताया था.. जिसके फलस्वररूप माता काली ने उन्हें साक्षात् दर्शन दिया था।
कहा जाता है कि- उनकी ईश्वर भक्ति से उनके विरोधी हमेशा जलते थे.. उन्हें नीचा दिखाने कि हमेशा सोचते थे.. एक बार कुछ विरोधियों ने 10 -15 वेश्याओं के साथ रामकृष्ण को एक कमरे में बंद कर दिया था।
रामकृष्ण उन सभी को मां आनंदमयी की जय कहकर समाधि लगाकर बैठ गए.. चमत्कार ऐसे हुआ कि वे सभी वेश्याएं भक्ति भाव से प्रेरित होकर अपने इस कार्य से बहुत शर्मशार हो गई और राम कृष्ण से माफी मांगी।
इसके अतिरिक्त, रामकृष्ण परमहंस की कृपा से माँ काली और स्वामी विवेकानंद का साक्षात्कार होना समूचे विश्व को पता ही है।
*गुरु नानक देव*
〰️〰️〰️ सिक्खों के आदि गुरु थे.. इनके अनुयायी इन्हें गुरुनानक, बाबा नानक और नानक शाह के नामों से बुलाते हैं.. कहा जाता है कि बचपन से ही वे विचित्र थे.. नेत्र बंद करके आत्म चिंतन में मग्न हो जाते थे.. उनके इस हाव भाव को देखकर उनके पिता बड़े चिंतित रहते थे.. आगे चलकर गुरु नानक देव बहुत प्रसिद्ध संत हुए।
एक बार गुरु नानक देव जी मक्का गए थे.. काफी थक जाने के बाद वह मक्का में मुस्लिमों का प्रसिद्ध पूज्य स्थान काबा में रुक गए.. रात को सोते समय उनका पैर काबा के तरफ था।
यह देख वहां का एक मौलवी गुरु नानक के ऊपर गुस्सा हो गया.. उसने उनके पैर को घसीट कर दूसरी तरफ कर दिये.. इसके बाद जो हुआ वह हैरान कर देने वाला था.. हुआ यह था कि अब जिस तरफ गुरु नानक के पैर होते, काबा उसी तरफ नजर आने लगता.. इसे चमत्कार माना गया और लोग गुरु नानक जी के चरणों पर गिर पड़े।
*रामदेव*
〰️〰️〰️ का जन्म पश्चिमी राजस्थान के पोकरण नाम के प्रसिद्ध नगर के पास रुणिचा नामक स्थान में हुआ था.. इन्होंने समाज में फैले अत्याचार भेदभाव और छुआ छूत का विरोध किया था.. बाबा राम देव को हिन्दू मुस्लिम एकता का भी प्रतीक माना जाता है.. आज राजस्थान में इन्हें लोग भगवान से कम नहीं मानते हैं.. इनसे जुड़ा हुआ एक किस्सा कुछ ऐसा है।
मेवाड़ के एक गांव में एक महाजन रहता था. उसकी कोई संतान नहीं थी.. वह राम देव की पूजा करने लगा और उसने मन्नत मांगी कि पुत्र होने पर मैं मंदिर बनवाऊंगा.. कुछ दिन के बाद उसको पुत्र की प्राप्ति हुई।
जब वह बाबा के दर्शन करने जाने लगा तो रास्ते में उसे लुटेरे मिले और उसका सब कुछ लूट लिया.. यहां तक कि सेठ की गर्दन भी काट दी.. घटना की जानकारी पाकर सेठानी रोते हुए रामदेव को पुकारने लगी, इतने में वहां रामदेव जी प्रकट हो गए और उस महाजन का सर जोड़ दिए.. उनका चमत्कार देख कर दोनों उनके चरणों में गिर पड़े।
*संत रैदास*
〰️〰️〰️ का जन्म एक चर्मकार परिवार में हुआ था.. बचपन से ही रैदास का मन ईश्वर की भक्ति को ओर हो गया था.. उनका जीवन बड़ा ही संघर्षो से बीता था, पर उन्होंने ईश्वर की भक्ति को कभी नहीं छोड़ा.. एक बार रैदास जी ने एक ब्रह्मण को एक ‘सुपारी’ गंगा मैया को चढ़ाने के लिए दी थी.. ब्राह्मण ने अनचाहे मन से उस सुपारी को गंगा में उछाल दिया।
तभी गंगा मैया प्रकट हुई और सुपारी अपने हाथ में ले ली और उसे एक सोने का कंगन देते हुए कहा- इसे ले जाकर रविदास को दे देना. ब्राह्मण ने जब यह बात बताई तो लोगों ने उपहास उड़ाया।
लोगों ने यहां तक कहा कि रविदास अगर सच्चे भक्त हैं तो दूसरा कंगन लाकर दिखाएं.. इस पर रविदास द्वारा बर्तन में रखे हुए जल से गंगा मैया प्रकट हुई और दूसरा कंगन रविदास जी को भेंट किया।
इन संतों ने संसार में यह सन्देश दिया है कि जाति और धर्म से बड़ा मानवता का धर्म है.. सच्चे मन से की गई सेवा ही जीवन को सफल बनाती है.. इस संसार में भगवान किसी भी जाति का नहीं है.. वह संसार के हर प्राणी के दिल में रहता है, इसलिए हमें बुराई द्वेष आदि को छोड़कर एक सच्चा इंसान बनाना चाहिए।
You must have been hearing since childhood that whenever atrocities increased on the earth, then God took birth in some form or the other and put an end to the evils.
In the same way, many Saint Mahatmas also took birth from time to time and showed the right path to the society by their miracles.. Whether it was Saint Eknath, or Saint Tukaram.. So let’s discuss some such saints. , who benefited people by his miracles and more than that by his knowledge and charity.
Saint Eknath
〰️〰️〰️ He is considered one of the famous saints of Maharashtra.. The number of his devotees is very high in Maharashtra.. Eknath’s name is taken after Namdev among the devotees.. Despite being a Brahmin caste, he broke the caste system. Raised his voice against… His activism for the society had made him the ideal of the ascetics of that time… People from far and wide used to come to meet him… If we talk about a miracle associated with him…
Once a monk who believed in Eknath ji found a dead donkey on the way, seeing which he bowed down to him and said, ‘You are God.
When the news of this incident spreads among the people, they start troubling that saint considering it miraculous. Something like this happens when you get absorbed in the divine. It is believed that Saint Eknath was behind this miracle.
Saint Tukaram
〰️〰️〰️ Sant Tukaram’s life was full of difficulties.. It is believed that the upper class people always tried to humiliate him.. Once a Brahmin told him to throw all his pothis in the river. When asked for it, he had thrown all the pothis in the river without thinking.. Later he repented for his action, then he started crying near the Vitthal temple.
He kept lying there without eating or drinking anything continuously for thirteen days. Seeing his penance, God himself had to appear on the fourteenth day.. God blessed him and handed over his books to him. Later, this Tukaram became famous as Saint Tukaram and engaged in the welfare of the society.
Saint Dnyaneshwar
〰️〰️〰️ He is counted among those religious saints of Maharashtra, who had taught the entire human race to stay away from jealousy, hatred and resistance. Saint Dnyaneshwar, at the young age of 15, wrote Gita’s commentary in Marathi called Dnyaneshwari. Had created.. He had given the knowledge of devotion to the people by roaming all over Maharashtra.
It is said about him that his birth on this earth was nothing less than a miracle. His father had become a monk leaving his mother Rukmini. Gave the blessings of having a son.
Only after that his father entered the life of a householder at the behest of the Guru and Saint Dnyaneshwar was born. Sant Namdev was a famous saint.. He composed many compositions in Marathi as well as in Hindi.. He spread the knowledge of devotion to God among the people.. One of his anecdotes is very famous.
Once he reached Nagnath on a pilgrimage with Saint Dnyaneshwar, where he made up his mind to do bhajan-kirtan, his opponents stopped him from doing kirtan. Do.
On this Namdev went behind the temple.. It is believed that Lord Shiva Shankar was pleased to hear the sound of his kirtans and came to give him darshan.. Since then Namdev got fame as a miraculous saint.
*capable lord*
〰️〰️〰️ ji was born in Jamb village of Jalna district near Godatat.. His father passed away at a young age and since then his mind was filled with disinterest.. However, due to the insistence of his mother, he got ready for marriage. Had to happen.. but, on the spot he did not reach the mandap and took renunciation.
It is said about Samarth Swami that during a funeral procession, when a widow fell at his feet crying, he blessed her with a son because of his meditation. Hearing this, the widow and split- Started crying bitterly.
Crying, she said – I have become a widow and my husband’s bier is going. Seeing this, everyone’s eyes widened.. Everyone was calling it a miracle of Samarth Swami.
*Devraha Baba*
〰️〰️〰️ was a famous saint of North India.. It is said that he used to meditate in the Himalayas for many years in an unknown form.. After coming from the Himalayas, he lived in a loft on the banks of the Sarayu river in Deoria district of Uttar Pradesh. But after setting up his camp, he started doing religious work, due to which he got the name Devraha Baba.. His birth is considered unknown.. It is said that…
Once Mahavir Prasad was returning after seeing ‘Baba’, when his brother-in-law’s son was bitten by a snake. Since the snake was poisonous, the poison spread all over the body in no time.
No one was able to understand what to do, so they picked him up and brought him to Devraha Baba. Baba called out to the snake that had bitten the child and said, “Why did you bite him?” Baba immediately ordered him in a stern voice to draw the poison and surprisingly the snake drew the poison.. The discussion of Baba’s miracle spread all around.
Saint Jalaram
〰️〰️〰️ Jalaram, popularly known as Bapa, was one of the famous saints of Gujarat.. He was born in Veerpur village of Rajkot district of Gujarat. Jalaram’s mother was a religious woman, who worshiped God as well as had great respect for sages and saints. Saint Raghudas Ji, pleased with her work, blessed her that her second son would be known only for devotion and service to God. Later Jalaram Bapa became a very famous saint of Gujarat.
One day the son of Bapa’s devotee Kaya Rayani died.. The whole family was in grief.. Meanwhile Bapa also reached there, seeing him Kaya Rayani fell at his feet and started crying.. Bapa put his hand on her head. Keeping said you calm down. Nothing has happened to your son.
He said, remove the cloth from the face.. As soon as the cloth was removed, father said, son, you are sleeping, just open your eyes and look at me.. After this, a miracle happened. He got up and sat down as if he had just woken up from a deep sleep.
*Ramakrishna Paramhansa*
〰️〰️〰️ He was a great saint of India.. Ram Krishna Paramhans always emphasized on the unity of all religions.. From childhood he had great devotion towards God.. He believed that God would definitely give him darshan one day. He had spent a life of hard meditation and devotion to attain God.. As a result of which Mata Kali appeared to him in person.
It is said that- His opponents were always jealous of his devotion to God.. They always thought of humiliating him.. Once some opponents had locked Ramakrishna in a room with 10-15 prostitutes.
Ramkrishna sat down in a tomb by saying ‘Jai to Maa Anandmayi’ to all of them.. The miracle happened that all those prostitutes, inspired by devotion, became very ashamed of their act and apologized to Ram Krishna.
Apart from this, by the grace of Ramakrishna Paramhansa, the whole world knows about the vision of Maa Kali and Swami Vivekananda.
*Guru Nanak Dev*
〰️〰️〰️ Sikhs had their first Guru.. His followers call him by the names of Gurunanak, Baba Nanak and Nanak Shah.. It is said that he was strange from childhood.. He used to close his eyes and get engrossed in self-contemplation. Seeing this gesture of his, his father was very worried.. Guru Nanak Dev later became a very famous saint.
Once Guru Nanak Dev ji went to Mecca.. After being very tired, he stopped at Kaaba, the famous place of worship of Muslims in Mecca.. While sleeping at night, his feet were towards Kaaba.
Seeing this, a Maulvi there got angry on Guru Nanak.. He dragged his leg and turned him to the other side.. What happened after that was astonishing.. What happened was that now the side where Guru Nanak’s feet Had it been, the Kaaba would have been visible on the same side.. It was considered a miracle and people fell at the feet of Guru Nanak ji.
*Ramdev*
〰️〰️〰️ was born in a place named Runicha near the famous town of Pokaran in western Rajasthan.. He opposed the tyranny, discrimination and untouchability spread in the society.. Baba Ram Dev is also considered a symbol of Hindu-Muslim unity. Yes.. Today in Rajasthan people do not consider him less than God.. An anecdote related to him is something like this.
A moneylender lived in a village in Mewar. He had no child.. He started worshiping Ram Dev and asked for a vow that if he had a son, he would build a temple.. After a few days he was blessed with a son.
When he went to see Baba, he found robbers on the way and robbed him of everything.. even cut Seth’s neck. Appeared and attached the head of that Mahajan.. Seeing his miracle, both fell at his feet.
* Saint Raidas *
〰️〰️〰️ was born in a tanner family.. Raidas’s mind was turned towards devotion to God since childhood.. His life was spent with a lot of struggles, but he never left the devotion of God.. One Once Raidas ji had given a ‘betel nut’ to a Brahmin to offer to Ganga Maiya.. The Brahmin threw that betel nut into the Ganga with an unwanted mind.
Only then Ganga Maiya appeared and took the betel nut in her hand and giving her a gold bracelet said – take it and give it to Ravidas. When the Brahmin told this, people ridiculed him.
People even said that if Ravidas is a true devotee, then bring another bracelet and show it. On this, Ganga Maiya appeared from the water kept in the pot by Ravidas and presented the second bracelet to Ravidas ji.
These saints have given this message to the world that the religion of humanity is bigger than caste and religion.. Service done with a true heart makes life successful.. God does not belong to any caste in this world.. He belongs to the world. Lives in the heart of every living being, so we should leave evil malice etc. and make a true human being.