भगवत कृपा मन शुद्धी

भगवत्कृपा का फल धन नहीं है। धन तो प्रारब्ध से मिलता है। प्रभु का श्री मुख वाक्य है कि मैं जिस पर कृपा करता हूँ उसकी सारी संपत्ति का हरण कर लेता हूँ। भगवान की कृपा से धन नहीं मिलता। भगवान की कृपा से तो मन की शुद्धि होती है। भगवान जिस पर कृपा करते हैं उसे सम्पत्ति नहीं, सन्मति प्रदान करते हैं। प्रभु कृपा होने पर ही जीव की सत्कर्म करने की इच्छा जागृत होती है। आज इस माया से भरे संसार में सत्कर्म करने की इच्छा किसी की नहीं होती हैं। सब अपनी इन्द्रियों को पुष्ट करने में लगे रहते हैं।

परमात्मा न दुख देता है और न सुख। अगर दुख आया है, तो अवश्य कोई कारण होगा।जीवन में जितनी उपयोगिता दुख की है,
उतनी सुख की नही है।
सुख एक गहरी बेहोशी का कारण है, जबकि दुख आपको जगाता है। बेहोशी को तोड़ता है। दु:ख जागरण है और सुख निद्रा। जीवन के दोनो का सम्मान कीजिये।

न तो दुख का तिरस्कार हो और न सुख का अत्याधिक सम्मान।
जब भी दुख की घड़ी आये आँखे बंद कर परमात्मा में खो जाइये।

संतुष्टता का राज़ है – स्वीकृति। ज़िंदगी की हर परिस्थिति हमारे लिए प्रशिक्षण है…यह समझ ही हमें हर परिस्थिति में स्वतः संतुष्ट रखती है

सदैव तत्परता से महामंत्र का जप करे और मनुष्य जीवन का उदेश सार्थक करे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे|
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे||



The fruit of God’s grace is not money. We get wealth through destiny. Lord’s statement is that I take away all the property of the one on whom I am kind. Wealth is not obtained by the grace of God. The mind is purified by the grace of God. The one whom God blesses, he does not provide wealth but peace. Only by the grace of God, the desire of the living being to do good deeds is awakened. Today, in this world full of illusion, no one has the desire to do good deeds. Everyone is busy in strengthening their senses.

God gives neither sorrow nor happiness. If sorrow has come, there must be some reason. The utility of sorrow in life is Not that much happiness. Happiness causes a deep unconsciousness, while sadness wakes you up. Breaks unconsciousness. Sorrow is awakening and happiness is sleep. Respect both sides of life.

There should be neither contempt for sorrow nor excessive respect for happiness. Whenever a sad moment comes, close your eyes and get lost in God.

The secret of satisfaction is acceptance. Every situation of life is a training for us…This understanding alone keeps us automatically satisfied in every situation.

Always chant the Mahamantra diligently and make the purpose of human life meaningful. Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare||

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *