ब्रजरानी यशोदा भोजन कराते-कराते थोड़ी सी छुंकि हुई मिर्च लेकर आ गई क्योंकि नन्द बाबा को बड़ी प्रिय थी।
लाकर थाली एक और रख दई तो अब भगवान बोले की बाबा हमे और कछु नहीं खानो , ये खवाओ ये कहा है ? हम ये खाएंगे तो नन्द बाबा डराने लगे की नाय-नाय लाला ये तो ताता है तेरो मुँह जल जाओगो तो भगवान बोले नाय बाबा अब तो ये ही खानो है मोय
खूब ब्रजरानी यशोदा को बाबा ने डाँटो की मेहर तुम ये क्यों लेकर आई ? तुमको मालूम है ये बड़ो जिद्दी है , ये मानवो वारो नाय फिर भी तुम लेकर आ गई
अब गलती हो गई ठाकुर जी मचल गए बोले अब बाकी भोजन पीछे होगा पहले ये ताता ही खानी है मुझे , पहले ये खवाओ । बाबा पकड़ रहे थे , रोक रहे थे पर इतने में तो उछलकर थाली के निकट पहुंचे और अपने हाथ से उठाकर मिर्च खा ली और अब ताता ही हो गई वास्तव में , ताता भी नहीं ” ता था थई ” हो गई ।
अब महाराज भागे डोले फिरे सारे नन्द भवन में बाबा मेरो मो जर गयो , बाबा मेरो मो जर गयो , मो में आग लग गई मेरे तो बाबा कछु करो और पीछे-पीछे ब्रजरानी यशोदा , नन्द बाबा भाग रहे है हाय-हाय हमारे लाला को मिर्च लग गई , हमारे कन्हिया को मिर्च लग गई ।
महाराज पकड़ा है प्रभु को और इस लीला को आप पढ़ो मत बल्कि देखो ।
गोदी में लेकर नन्द बाबा रो रहे है अरी यशोदा चीनी लेकर आ मेरे लाला के मुख ते लगा और इतना ही नहीं बालकृष्ण के मुख में नन्द बाबा फूँक मार रहे है ।
आप सोचो क्या ये सोभाग्य किसी को मिलेगा ? जैसे बच्चे को कुछ लग जाती है तो हम फूँक मारते है बेटा ठीक हे जाएगी वैसे ही बाल कृष्ण के मुख में बाबा नन्द फूँक मार रहे है ।
देवता जब ऊपर से ये दृश्य देखते है तो देवता रो पड़ते है और कहते है की प्यारे ऐसा सुख तो कभी स्वपन में भी हमको नहीं मिला जो इन ब्रजवासियो को मिल रहा है तो आगे यदि जन्म देना तो इन ब्रजवासियो के घर का नोकर बना देना , यदि इनकी सेवा भी हमको मिल गई तो देवता कहते है हम धन्य हो जाएंगे
Brajrani Yashoda brought some chopped chillies while serving food because Nand Baba was very fond of it.
When she brought another plate and kept it, God said, Baba, don’t let us eat anything else, let us eat this, where is this? When we eat this, Nand Baba starts scaring us, saying, Nay Nay Lala, this is your mouth, your mouth will get burnt, then God said, Nay Baba, now I have to eat only this.
Baba scolded Queen Yashoda very much, ‘Meher, why did you bring this?’ You know he is very stubborn, he is not a human warrior, yet you brought him along.
Now a mistake has been made, Thakur ji got upset and said, now the rest of the food will follow, first I have to eat this tata, have this first. Baba was holding, stopping, but in the mean time he jumped near the plate, picked up the chilli with his hand and ate it and now he became a father, in fact, not even a father, he became “ta tha thai”.
Now Maharaj ran and wandered all over the Nand Bhawan, Baba, my hair is gone, Baba, my hair is gone, my hair is on fire, Baba, please do something and Brajrani Yashoda is running behind me, Nand Baba is running, Alas, my son is in trouble. It got affected, our Kanhiya got affected by chilli.
Maharaj has caught the Lord and do not read this leela but watch it.
Nand Baba is crying with me in his lap. Hey Yashoda, come bring sugar and put it on my Lala’s face and not only this, Nand Baba is blowing on Balkrishna’s mouth.
Just think, will anyone get this good fortune? Just like if a child gets hit by something, we blow on it, ‘Son, he will be fine’, similarly Baba Nand is blowing on the mouth of child Krishna.
When the Gods see this scene from above, the Gods cry and say that dear, we never got such happiness even in our dreams which these Brajvasis are getting, so if you give birth in future then make them a servant in the house of these Brajvasis. If we get their service then God says we will be blessed.